बन रहा है ये शुभ संयोग, सुखी दांपत्य के लिए इस विधि से करें पूजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता ने विवाह किया था। इस तिथि को विवाह पंचमी, श्रीराम पंचमी या विहार पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह तिथि 28 नवंबर, सोमवार को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। विवाह पंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग के सहित चार शुभ योग बने हैं।
मान्यता है कि विवाह पंचमी के दिन जो जातक व्रत और पूजा करते हैं उन्हें मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि किसी के विवाह होने में बाधा आ रही हो तो इस दिन पूजा करने से वह बाधा दूर हो जाती है। मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है और वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं का अंत हो जाता है। आइए जानते हैं विवाह पंचमी से जुड़ी कुछ खास बातें...
शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि प्रारंभ: 27 नवंबर, रविवार को शाम 04 बजकर 25 मिनट पर
पंचमी तिथि समाप्त: 28 नवंबर, सोमवार को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट पर
पूजा विधि
कैसे करें भगवान राम और माता सीता का विवाह ?
प्रातः काल स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें।
स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरंभ करें।
इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के चित्र या प्रतिमा की स्थापना करें।
भगवान श्रीराम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें।
इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें।
"ॐ जानकीवल्लभाय नमः" मन्त्र का जाप करें।
इसके बाद माता सीता और भगवान श्रीराम का गठबंधन करें।
फिर उनकी आरती करें इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें।
श्रीराम के इस विवाह दिवस पर पीले वस्त्र धारण करें।
श्रीराम विवाह के दिन इन मंत्रों का जाप करने से विवाह शीघ्र होगा।
तुलसी या चन्दन की माला से मंत्र या दोहों का यथाशक्ति जाप करें।
जप करने के बाद शीघ्र विवाह या वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें।
इनमें से किसी भी एक दोहे का जाप करना लाभकारी होगा।
प्रमुदित मुनिन्ह भावंरीं फेरीं। नेगसहित सब रीति निवेरीं॥
राम सीय सिर सेंदुर देहीं। सोभा कहि न जाति बिधि केहीं॥1
पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियं हरषे तब सकल सुरेसा॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥2
सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥3
ये बाधाएं होंगी खत्म
किसी के विवाह होने में बाधा आ रही हो तो वह बाधा दूर हो जाती है।
मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है।
वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं का अंत हो जाता है।
विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाएं नष्ट हो जाती हैं।
विवाह पंचमी के दिन बालकाण्ड में भगवान श्रीराम और माता सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है। इस दिन सम्पूर्ण रामचरितमानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।
Created On :   25 Nov 2022 5:28 PM IST