विनायकी चतुर्थी: सावन मास में इस पूजा से श्री गणेश को करें प्रसन्न

Vinayaki Chaturthi: please Shri Ganesh with this worship in Sawan month
विनायकी चतुर्थी: सावन मास में इस पूजा से श्री गणेश को करें प्रसन्न
विनायकी चतुर्थी: सावन मास में इस पूजा से श्री गणेश को करें प्रसन्न

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। जो कि शुक्रवार, 24 जुलाई को पड़ रही है। माना जाता है कि इस दिन गणेशजी के लिए व्रत और पूजा-पाठ करने से समस्त कष्टों का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा गया है। 

धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का आशय संकट को रहने वाली चतुर्थी तिथि से है। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। वे अपने भक्तों की सारी विपदाओं को दूर करते हैं और उनकी मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं। चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है। सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है। आइए जानते हैं पूजा विधि के बारे में...

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पूजन विधि
- सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद गणेश जी के सामने दोनों हाथ जोड़कर मन, वचन, कर्म से इस व्रत का संकल्प लें।
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।  
 भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। 
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं।  

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- अब पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं। 
- संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं। 
- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें।
- गणपति की आरती करने के बाद अपने मन में मनोकामना पूर्ति के लिए ईश्वर से विनती करें।  

Created On :   23 July 2020 3:02 PM IST

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