इन दो शुभ योग में करें पूजा, मिलेगी बप्पा की कृपा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान श्री गणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है और इसलिए उनकी आराधना किसी भी शुभ कार्य या किसी भी पूजा के पहले की जाती है। वैसे तो बुधवार का दिन श्री गणेश की पूजा के लिए शुभ माना गया है। लेकिन हर माह की चतुर्थी को विशेष पूजा की जाती है। इस माह 4 फरवरी को विनायकी चतुर्थी मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, विनायकी चतुर्थी पर इस बार दो शुभ योग बन रहे हैं। जो कि शिव योग और रवि योग हैं। माना जाता है कि जो भी इस दिन व्रत और भगवान गणेश की आराधना पूरे मन और भक्तिभाव से करता है। उनकी मनाकामना पूर्ण होती है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा की विधि...
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पूजा का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि आरंभ: 04 फरवरी, शुक्रवार सुबह 04 बजकर 38 मिनट से
चतुर्थी तिथि समापन: 05 फरवरी, शनिवार सुबह 03 बजकर 47 मिनट तक
शुभ मुहूर्त: 04 फरवरी, शुक्रवार, सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक
कुल अवधि: 02 घंटा 11 मिनट
पूजन विधि
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- इसके बाद यदि आप व्रत करने वाले हैं तो संकल्प लें।
- पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
- इसके बाद चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछाएं।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें।
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- इसके बाद और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- इसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलें और भगवान गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाएं।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें।
- इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें।
- पूजन के बाद लड्डू को प्रसाद के रूप में वितरित करें और ग्रहण करें।
Created On :   3 Feb 2022 5:28 PM IST