इस विधि मंत्रों के साथ करें हाेलिका दहन, हाेगा शुभता का आगमन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। होलिका दहन इस वर्ष 1 मार्च को है। होलिका पर पूजन की विधि बताई गई है। यदि होलिका पर पूजन विधि गड़बड़ हो जाए तो भी इसके अनिष्ट परिणाम सामने आ सकते हैं। क्योंकि पुराणों में होलिका को ब्रम्हदेव की भक्त माना गया है। उसे ब्रम्हदेव से वरदान भी प्राप्त हुआ था हालांकि अनुचित कार्यों में प्रयोग करने की वजह से वह निष्फल हो गया, किंतु होलिका के इस पूजन को भी विशेष स्थान दिया गया है। यहां हम आपको होलिका दहन पर पूजा की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं...
अरंडी की लकड़ी का डंडा, गोबर के उपले जो अनेक स्थानों पर खिलौने के समान ही निर्मित किए जाते हैं। इसके पश्चात सूखी लकड़ियां, घास-फूंस इत्यादि का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
इस काल का है विशेष महत्व
प्रदोष काल में ही होलिका दहन करें, ध्यान रखें कि इस दौरान भद्राकाल ना हो। इसे शास्त्रसम्मत माना गया है। अनेक स्थानों पर महिलाएं होलिका पूजन के पश्चात ही भोजन ग्रहण करती हैं, किंतु यह स्वेच्छानुसार किया जा सकता है।
आवश्यक पूजन सामग्री
रोली, कच्चा सूत, पुष्प, हल्दी की गांठें, खड़ी मूंग, बताशे, मिष्ठान्न, नारियल इत्यादि को पूजन सामग्री में शामिल करें और दहन से पहले होलिका का पूजन भी करें।
तीन विशेष मंत्र
ॐ होलिकायै नम:
ॐ प्रहलादाय नम:
ॐ नृसिंहाय नम:
इन मंत्रों का जाप करें और नृसिंह भगवान से सभी कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें। होलिका के चारों ओर कच्चा सूत बांधकर तीन बार परिक्रमा लगाएं। ॐ ब्रह्मार्पणमस्तु मंत्र का जाप कर जल अर्पित करें। इसके बाद नृसिंह भगवान को नमन करते हुए होलिका दहन करें और इसी बीच प्रहलाद को अग्नि से बाहर निकाल लें। अनेक स्थानाें पर प्रहलाद को आसमान की अोर उछालने की परंपरा है जिस किसी के हाथ में ये आते हैं उसी के घर सालभर निवास करते हैं।
Created On :   28 Feb 2018 8:21 AM IST