खरमास समाप्त, अब गूंजने लगेगी शहनाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की चाल और उनकी स्थिति का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में घटने वाली हर घटना पर पड़ता है। हमारे द्वारा किए गए काम में कभी लाभ होता है कभी हानि होती है, हालांकि मान्यता है कि ये हानि-लाभ ग्रहों की चाल और स्थिति पर भी निर्भर करते हैं। ग्रहों की इन्हीं दशा में से एक मलमास होता है जिसे खरमास के नाम से भी जाना जाता है। जैसे हिंदू धर्म में श्राद्ध और चार्तुमास में शुभ-शगुन के काम करना अच्छा नहीं माना जाता है वैसे ही खरमास के दौरान भी सभी तरह के अच्छे कार्य करना वर्जित माना जाता है।
14 अप्रैल 2019 दिन रविवार को चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी अश्लेषा नक्षत्र से खरमास की समाप्ति हो जाएगी। इसके बाद विवाह सहित अन्य शुभ कार्य शुरु हो जाएंगे। सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ खरमास की समाप्ति के साथ ही विवाह सहित अन्य मांगलिक शुभ कार्य संपन्न होना आरंभ हो जाएंगे और शहनाई गूंजने लगेगी ।
सूर्य के मीन राशि में रहने के कारण पिछले एक माह में कोई भी शुभ कार्य नहीं हो पाए किन्तु अब खरमास समाप्ति और उच्च के सूर्य होते ही मांगलिक कार्य संपन्न होना आरम्भ हो जाएगा। फिर 12 जुलाई से देवशयनी एकादशी से चतुर्थ मास प्रारम्भ होगा और 08 नवम्बर को देवोत्थानी एकादशी तक 4 माह तक विवाह आदि कार्य नहीं होंगे।
नवम्बर और दिसम्बर में विवाह की लग्न है फिर 16 दिसम्बर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास लग जाएगा और मकर संक्रान्ति 2020 तक विवाह आदि कार्य नहीं हों पाएंगे। 7 मई को अक्षय तृतीया पर विवाह का विशेष मुहूर्त रहेगा। पर्व पर सबसे अधिक विवाह होते हैं। पिछले कुछ वर्ष से विशेष मुहूर्त ना होने पर अक्षय तृतीया पर विवाह संपन्न नहीं हो पा रहे थे।
माह की इन तिथियों में होंगे अधिक विवाह संपन्न
शुभ मुहूर्त की तिथियां
अप्रैल :-
15, 26
मई :-
1,2,6, 7, 8, 12,14,15,17, 21, 23, 28, 29, 30
जून :-
4, 8, 13, 15, 17, 19, 20, 24, 25, 26, 30
जुलाई :-
5, 6, 7, 8, 9, 10, 11
Created On :   11 April 2019 11:38 AM GMT