जानें इस दिन का महत्व, करें ये उपाय, मिलेगा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 20 फरवरी को सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है। ज्योतिष शास्त्र में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। हिंदुओं में इस दिन को लेकर गहरी आस्था है। कहा जाता है कि इस दिन विधि—विधान के साथ पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वह अपना आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन पूजा, पाठ, व्रत, स्नान और दान करने से कई यज्ञों का फल मिलता है। इस दिन तीर्थ स्नान करने से कभी खत्म नहीं होने वाला पुण्य मिलता है।
सुहागिन महिलाओं के लिए भी इस दिन का विशेष महत्व है। हालांकि, कई लोग नदी नहीं पहुंच पाते हैं, ऐसे में आप घर पर रहकर पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने पर भी तीर्थ स्नान का फल मिलता है। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या के महत्व और पूजा विधि के बारे में...
सुख की प्राप्ति
महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ और सभी दु:खों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से पितर भी संतुष्ट हो जाते हैं।
अमावस्या पर पीपल की पूजा
पीपल के पेड़ में पितर और सभी देवों का वास होता है। सोमवती अमावस्या के दिन जो दूध में पानी और काले तिल मिलाकर सुबह पीपल को चढ़ाते हैं, उन्हें पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके बाद पीपल की पूजा और परिक्रमा करने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। वहीं सुहागन महिलाएं पीपल के वृक्ष में शिवजी का वास मानकर उसकी पूजा और परिक्रमा करती हैं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   18 Feb 2023 7:06 PM IST