इस दिन मां सीता की पूजा से होंगे सभी कष्ट दूर, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी मनाई जाती है, इस वर्ष यह 29 अप्रैल यानी आज शनिवार को है। इस दिन माता सीता प्रकट हुई थीं, इसलिए इसे जानकी जयंती के रूप में भी मनया जाता है। इस दिन मां सीता की विशेष उपासना करने से और उपवास का पालन करने से वैवाहिक जीवन में सुख एवं समृद्धि का आगमन होता है। माना जाता है कि, यदि इस दिन कोई स्त्री पुरुष माता सीता की पूजा कर लेती है तो उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, देवी सीता का प्राकट्य मध्याह्न में हुआ था इसलिए मध्याह्न व्यापिनी नवमी तिथि को ही सीता जयंती शुभ फलदायी होता है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त...
शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि शुभारंभ: 28 अप्रैल शुक्रवार, शाम 04 बजकर 01 मिनट से
नवमी तिथि समापन: 29 अप्रैल शनिवार, शाम 06 बजकर 22 मिनट तक
पूजन मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक
कुल पूजा अवधि: 02 घण्टे 38 मिनट की रहेगी
मान्यता
मान्यता है कि, इस दिन भगवान श्रीराम और माता जानकी की विधि-विधान से पूजा करने से भूमि दान, तीर्थ भ्रमण फल के साथ ही व्रती को सभी दुखों, रोगों व संतापों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने सौभाग्य रक्षा और पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता यह भी है कि माता सीता की पूजा-पाठ से माता के रोगों और पारिवारिक कलह क्लेश से मुक्ति मिलती है।
ऐसे करें पूजा
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर दैनिक नित्यक्रम के बाद स्नान करें।
- इसके बाद सीता नवमीं के व्रत का संकल्प लें।
- जमीन को लीपकर या स्वच्छ जल से धोकर आम के पत्तों और फूल से मंडप बनाएं।
- मंडप में एक चौकी रखें और लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- इस चौकी को फूलों से सजाएं और भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बादद भगवा श्रीराम और माता सीता की - विधि-विधान से पूजन करें।
- तिल के तेल या गाय के घी का दीया जलाएं।
- पूजा के दौरान आसन पर बैठकर लाल चंदन की माला से ॐ श्रीसीताये नमः मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद अपनी माता के स्वास्थ्य की प्रार्थना करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   29 April 2023 2:17 PM IST