कौओं को खाना खिलाने से पितरों से मिलेगा आशीर्वाद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्राद्ध अपने पूर्वजों की उपासना करने का पर्व है, जो कि इस वर्ष आज 10 सितंबर से शुरु हो चुके हैं और 25 सितंबर तक चलेंगे। इन दिनों में अपने पूर्वजों की दिंवगत आत्माओं की शांति के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं और साथ ही हवन के पश्चात पितृ को भोजन व जल का भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि, इस अवधि में कौओं को भोजन कराना चाहिए। दरअसल, श्राद्धपक्ष में कौऔं को पितरों का प्रतीक मानते हुए उन्हें आमंत्रित कर उन्हें श्राद्ध का भोजन खिलाने का रिवाज है।
श्राद्ध पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ को जल चढ़ाकर भी पितृ को तृप्त किया जाता है। माना जाता है कि, ऐसा करने से पितर खुश होते हैं और घर में सुख शांति आती है। आइए जानते हैं इस पूरे रोचक तथ्य के बारे में...
श्राद्ध पक्ष में क्यों काराया जाता है कौए को भोजन
यह कथा माता सीता से जुड़ा है। हिन्दू मान्यता में स्वर्ग के अधिपति देवराज इन्द्र के पुत्र जयंत ने सबसे पहले कौए का रूप धारण किया था। फिर त्रेता युग में जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारकर उनको कष्ट पहुंचाया था। यह देख प्रभु श्रीराम कौए पर क्रोधित हुए और उन्होंने तिनके को अस्त्र बनाकर उसकी एक आंख पर प्रहार किया। प्रहार से उसकी एक आंख क्षतिग्रस्त हो गई। अपनी गलती का आभास होने पर कौए रूपी जयंत ने अपने अपराध के लिए प्रभु श्रीराम से क्षमा मांगी। तब श्रीराम ने उसके कौए रूप को वरदान दिया, कि तुम्हारे इस रूप को अर्पित किया गया भोजन पितरों को मिलेगा तभी से श्राद्ध में कौऔं को भोजन कराया जाता है।
श्राद्ध पक्ष में लगाएं स्वादिष्ट पकवानों का भोग
श्राद्ध पक्ष में पितरों को कई प्रकार के स्वादिष्ट पकवान जैसे खीर, पूरी और मीठे का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से पितर संतुष्ट होकर अपने परिजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। श्राद्ध पक्ष में कौओं का बड़ा ही महत्व है, इन्हें भी पितरों को भोजन कराने का माध्यम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि इस दौरान कौआ आपके द्वारा दिया गया भोजन ग्रहण कर ले तो आपके पितर आप से प्रसन्न हैं। अगर कौए भोजन करने नहीं आये तो यह माना जाता है कि आपके पितर आपसे नाराज हैं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष, वास्तुशास्त्री) की सलाह जरूर लें।
Created On :   10 Sept 2022 6:41 PM IST