श्रावण शीतला सप्तमी: इस व्रत को करने से संकटों से मिलेगी मुक्ति
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डिजिटल डेस्क। सावन माह को भगवान शिव की भक्ति के लिए खास माना जाता है, लेकिन इसी माह में आने वाली शीतला सप्तमी का भी खासा महत्व है। इस वर्ष कृष्ण सप्तमी का त्यौहार 24 जुलाई को मनाया गया। मान्यता के अनुसार इस व्रत से संकटों से मुक्ति मिलती है, यश-कीर्ति-मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इस दिन विशेष ध्यान रखें कि परिवार का कोई भी सदस्य गलती से भी गरम भोजन न ग्रहण करें।
ये है मान्यता
इस व्रत को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से घर-परिवार में चेचक रोग, दाह, पित्त ज्वर, दुर्गंधयुक्त फोड़े, आंखों की सभी बीमारियां आदि शीतलाजनित समस्याएं दूर हो जाती हैं। विशेष रूप से बुखार, चेचक, कुष्ठ रोग, दाह ज्वर, पीत ज्वर, दुर्गन्धयुक्त फोड़े तथा अन्य चर्मरोगों से आहत होने पर माँ की आराधना रोगमुक्त कर देती है। यही नहीं व्रती के कुल में भी यदि कोई इन रोगों से पीड़ित हो तो माँ शीतलाजनित ये रोग-दोष दूर हो जाते हैं।
पूजा विधि
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रिया आदि से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- इसके बाद पूजा की थाली में दही, रोटी, बाजरा, सप्त्मी को बने मीठे चावल, नमक पार और मठरी रखें।
- इसके अलावा दूसरी थाली में आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, सिक्के और मेहंदी रखें। साथ ही लोटे में ठंडा पानी रखें।
- शीतला माता की पूजा करें और दीपक को बिना जलाए ही मंदिर में रखें।
- पूजा के दौरान मेहंदी और कलावा सहित सभी सामग्री माता को अर्पित करें।
- अंत में जल चढ़ाएं और थोड़ा जल बचाएं। इसे घर के सभी सदय आंखों पर लगाएं और थोड़ा जल घर के हर हिस्से में छिड़कें।
- अगर पूजन सामग्री बच जाए तो ब्राम्हण को दान करें।
Created On :   24 July 2019 8:54 AM IST