उपाय: इन 10 उपायों से कम होगा शनि की साढ़ेसाती/ शनि की ढैया का प्रभाव
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन उत्तम माना गया है। इस दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए बहुत से उपाय किए जाते हैं। शनि की ढैय्या तथा साढ़ेसाती से मिलने वाले कष्टों को दूर करने के लिए भी शनिवार के दिन बहुत सारे उपाय किए जाते हैं। बता दें कि शनि की साढ़े सात वर्ष तक चलने वाली ग्रह दशा को साढ़े साती का जाता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार साढ़े साती जीवन का वह चरण है जो हर व्यक्ति की पूरी जिंदगी में कम से कम एक या अधिक बार जरुर आती है।
शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि तक जाने में ढाई वर्ष का समय लेता है। वहीं साढ़े साती का पहला चरण धनु, वृषभ, सिंह राशि वाले लोगों के लिए कष्टकारी रहता है। जबकि दूसरा चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक राशियों के लिए और तीसरा चरण मिथुन, कुंभ, तुला, वृश्चिक, मीन राशि के लिए अच्छा नहीं माना जाता। यदि आपकी राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया का प्रभाव है, तो शनिवार के दिन किए जाने वाले उपायों से साढ़े साती या शनि दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में...
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1. सुबह शीघ्र उठकर स्नादि कार्यों से निवृत होकर एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें। उसके बाद उस तेल को किसी जरुरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भाग्य संबंधी बाधाएं भी दूर होती हैं।
2. सुबह स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित करें। इसके साथ ही सात परिक्रमा करें। सूर्यास्त के बाद सुनसान स्थान पर लगे पीपल के पास दीपक प्रज्वलित करें। यदि ऐसा न हो तो किसी मंदिर में लगे पीपल के पास भी दीपक प्रज्वलित किया जा सकता है।
3. शनि से संबंधित बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय धारण करें।
4. दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए सामर्थ्य के अनुसार काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते हैं।
5. बंदरों को गुड़ व चना खिलाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। प्रत्येक शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी का पूजन करने से व्यक्ति को शनि दोषों का सामना नहीं करना पड़ता।
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6. शनिदेव की पूजा कर उन्हें नीले पुष्प अर्पित करें। इसके साथ ही शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नमः का रुद्राक्ष की माला में जप करें। मंत्र की जप संख्या 108 होनी चाहिए। ऐसा हर शनिवार करने से साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है।
7. शनिवार की रात को रक्त चंदन से अनार की कलम से ॐ को भोजपत्र पर लिख कर नित्य यानि रोज सुबह पूजा करने से असीम विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
8. तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काले तिल डालें। उसके बाद ये जल शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी और भोलेनाथ की कृपा से आर्थिक तंगी दूर होगी।
9. प्रत्येक शनिवार को काले तिल, आटा, शक्कर लेकर इन तीनों चीजों को मिला लें। उसके बाद ये मिश्रण चींटियों को खाने के लिए डाल दें।
10. शनिदोष से मुक्ति हेतु शनिदेव के इन दस नामों का जाप करें। इसके साथ ही व्यक्ति को कार्यों में सफलता भी मिलती है। शनिदेव के नामों का कम से कम 108 बार जप करें। नाम इस प्रकार हैं-
कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाश्र
Created On :   25 Jan 2020 12:19 PM IST