शनिदेव हुए धनु राशि में वक्री, क्या होगा आप की राशि पर असर ?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शनि देव न्याय प्रिय और कर्मफल दाता हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह कर्म और सेवा का कारक होता है इसलिए इसका सीधा संबंध आपकी नौकरी और व्यवसाय से होता है। यही कारण है कि शनि की चाल में होने वाले परिवर्तन का प्रभाव नौकरी और व्यापार में अधिक देखने को मिलता है। शनिदेव 30 अप्रैल मंगलवार दोपहर 4 बजे से धनु राशि में वक्री हो गए हैं, वे 19 सितंबर 2019 ब्रहस्पतिवार को प्रातः 02 बजकर 03 मिनिट पर पुनः इसी राशि में ही मार्गी होंगे। इस बार पिछली बार की ही तरह शनि का वक्री काल कुल 142 दिनों का ही होगा।
किसी भी व्यक्ति के लिए वक्री शनि का फल तब ही खराब होता है, जब दशा और कुंडली में शनि का प्रभाव खराब हो, अन्यथा शनि के वक्री होने का कोई बुरा प्रभाव नहीं होता है। आईएए जानते हैं शनि के धनु राशि में वक्री होने का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है।
मीन राशि के जातकों के लिए शनि देव के वक्री होने की स्थिति में आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी हो सकती है, इसलिए इस समय खर्चों पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें। वैवाहिक जीवन में भी कुछ तनाव का सामना करना पड़ सकता है, अतः इस समय में जीवनसाथी के साथ सामंजस्य बनाकर चलना ही ठीक होगा।
उपाय :-
शनिवार को काले कुत्ते को कुछ मीठा खिलाएं।
कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि के वक्री होने की स्थिति में आपको पारिवारिक और आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। बनते हुए कार्य में अड़चन आने से आप मानसिक रूप से दुखी हो सकते हैं। इस समय आपके खर्च भी बढ़ सकते हैं, साथ ही कार्यक्षेत्र में भी कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय :-
मंदिर में सरसो के तेल का दान करें
मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव के वक्री होने पर मकर राशि के जातकों को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा, क्योंकि कड़वे शब्दों के उपयोग से विवाद की स्थिति बन सकती है। वहीं कुटुम्ब परिवार में भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में धन अर्जित करने के लिए आपको अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। मानसिक तनाव या थकान के कारण आप कुछ परेशान रह सकते हैं।
उपाय :-
शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें व 11 नारियल नदी में प्रवाहित करें।
धनु राशि के लोगों के लिए शनि देव 30 अप्रैल को आपकी ही राशि में वक्री होने के कारण आपको अकारण ही यात्रा करनी पड़ सकती है, इसलिए जहां तक हो सके आवश्यक कार्यों के लिए ही यात्रा करें। इस समय परिजनों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं इसलिए इस स्थिति में संयम के साथ काम लें।
उपाय :-
शराब और मांसाहार के सेवन से दूर रहें।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि देव के वक्री होने की स्थिति में इस समय मित्रों और सहयोगियों से मिलने वाली सहायता में कमी हो सकती है। वहीं विचारिक मतभेद की भी संभावना बन सकती है। इस समय में आपको व्यर्थ की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और स्वास्थ्य की द्रष्टि से गले या छाती से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय :-
कुष्ठ रोगियों की सेवा करें।
तुला राशि वालों के लिए शनि देव के वक्री से होने घर-परिवार की शांति भंग हो सकती है। इस समय में पारिवारिक सुख को बनाए रखने के लिए आपको कामकाज और गृहस्थ जीवन के बीच संतुलन बनाकर चलना होगा। इस अवधि में माता जी का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है, साथ ही छात्रों को पढ़ाई-लिखाई में अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं।
उपाय :-
शनिवार को बंदर और काले कुत्ते को लड्डू खिलाएं।
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि देव के वक्री होने के कारण आपको सफलता प्राप्ति में बाधा आ सकती है। बनते-बनते आपके काम बिगड़ सकते हैं इसलिए थोड़ा धैर्य और संयम रखें। इस अवधि में स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इनमें आप छाती या पेट से जुड़े किसी रोग से पीड़ित हो सकते हैं, इसलिए स्वास्थ्य के मामले में लापरवाही न करें।
उपाय :-
हर शनिवार हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव के वक्री होने से इस अवधि में स्थान परविर्तन के योग बनने की संभावना है। इस समय जीवनसाथी के साथ विचारों को लेकर टकराव की स्थिति बन सकती है इसलिए धैर्य से काम लें। खर्च बढ़ने से तनाव हो सकता है, अतः सोच-समझकर धन खर्च करें। इस समय आपको किसी काम के लिए ऋण भी लेना पड़ सकता है।
उपाय :-
पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दिया लगाएं।
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि के वक्री होने से आपके वैवाहिक जीवन में कुछ समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना है। इस अवधि में नौकरी और व्यापार में सफलता व लाभ प्राप्ति के लिए आपको अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। वक्री शनि आपसे दोगुने प्रयास कराएगा। किसी भी कार्य में पहली बार में सफलता मिलने की संभावना थोड़ी कम रहेगी।
उपाय :-
पक्षियों को सात तरह के अनाज और दाल खिलाएं।
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि के वक्री होने से कुछ परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय भाग्य आपका साथ नहीं देगा। इस अवधि में अचानक कोई बड़ी घटना घटित हो सकती है, जो आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है। कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्ति के लिए यात्राएं और प्रयास करने पड़ सकते हैं।
उपाय :-
सीधे हाथ की मध्यमा में काले घोड़े की नाल पहनें
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नवम और दशम भाव के स्वामी हैं। अतः शनि के व्रकी होने से पिता और शिक्षा से संबंधित मामलों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्ति के लिए अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। वहीं नौकरी और व्यापार में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। भाग्य का साथ नहीं मिलने से निराशा हो सकती है।
उपाय :-
काले कपड़े और जूतों का दान करें।
मेष राशि के जातकों के लिए इस समय नौकरी और व्यवसाय में सफलता अर्जित करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। ऐसे में सफलता प्राप्ति के लिए अपने प्रयास करते रहें और किसी भी परिस्थिति में निराश ना हों। वहीं कार्यक्षेत्र में लाभ के लिए भी आपको अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है इसलिए यहां भी अपने प्रयास करते रहें।
उपाय :-
काली गाय को घी लगी रोटी खिलाएं।
Created On :   25 April 2019 4:22 PM IST