रंगोत्सव: 'कोरोनासुर' के दहन के साथ शुरू हुआ प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक होली का पर्व, देखें तस्वीरें 

Rangotsav: Holi festival, symbol of love and harmony, started with the burning of Coronasur, see photos
रंगोत्सव: 'कोरोनासुर' के दहन के साथ शुरू हुआ प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक होली का पर्व, देखें तस्वीरें 
रंगोत्सव: 'कोरोनासुर' के दहन के साथ शुरू हुआ प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक होली का पर्व, देखें तस्वीरें 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चीन के वुहान शहर से दुनियाभर में फैला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इस वायरस की चपेट में 45 लोग आ चके हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस के चलते भारत में लोग होली खेलने से कतरा रहे हैं। मुंबई में होलिका दहन के मौके पर कोरोनासुर के पुतले का दहन किया गया। इसके साथ ही देश के कई अलग-अलग हिस्सों होलिका दहन के साथ प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक होली का पर्व शुरू हो गया है। वर्षों बाद इस बार होलिका दहन में भद्रा नहीं है यानी बहुत ही शुभ महुर्त में आज होलिका दहन हो रहा है। 

शाहजहांपुर में श्रीरुद्र बालाजी धाम के पंडित डा. कान्हा कृष्ण शुक्ल के मुताबिक भद्रा में होलिका दहन करने से हानि और अशुभ फल मिलते हैं। इसी भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है। होलिका दहन के दिन सुबह 6:08 मिनट से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक भद्रा है। शुभ मुहूर्त शाम 6:22 से रात 8:49 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन का दिन - 9 मार्च 2020 (सोमवार)
होलिका दहन का मुहुर्त - शाम 06: 26  से   08: 52 तक 
होलिका दहन की अवधि - 2 घंटे 26 मिनट 
भद्रा पूंछ - सुबह 09:37 से 10:38 
भद्रा मुख - 10:38  से 12:19
पूर्णिमा तिथि प्रारंम्भ - 09 मार्च 2020, सुबह 03:03 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 09 मार्च 2020, सुबह 11:17 बजे 

 

भारत से कोरोना वायरस को भगाने के लिए महाराष्ट्र के वर्ली के लोगों ने एक अनोखा तरीका ढूंढा है। महाराष्ट्र के वर्ली में कोरोना वायरस की थीम पर आधारित "कोरनासुर" का पुतला बनाया गया है। इस विशालकाय पुतले पर  COVID-19 लिखा हुआ है। कोरनासुर के बाएं हाथ में एक सूटकेस है, जिस पर आर्थिक मंदी लिखा है।   

 

लोगों का कहना है कि होलिका दहन से आस-पास के वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। होलिका दहन देखने से लोगों के कष्टों का नाश होता है। ऐसे में महाराष्ट्र के वर्ली में इस समय पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुके कोरोना वायरस को दहन करने की तैयारी है। इसलिए वहां पर होली के झंडे की जगह पर कोरोना वायसर का एक पुतला लगाया है। वर्ली के लोगों का मानना है कि "कोरोनासुर" के दहन के साथ ही पूरी दुनिया से इसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
 

 

Created On :   9 March 2020 10:34 PM IST

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