श्राद्ध 2019: पितरों का तर्पण और विशेष तिथि को श्राद्ध करना आवश्यक, जानें तिथियां
डिजिटल डेस्क। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक सोलह दिनों को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों का तर्पण किया जाता है। इस वर्ष पितृ पक्ष श्राद्ध 13 सितंबर दिन शुक्रवार से प्रारंभ हो चुका है, जो 28 सितंबर दिन सोमवार तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इन दिनों में पितरों का तर्पण और विशेष तिथि को श्राद्ध करना आवश्यक है। इन दिनों में पितरों के नाम से श्राद्ध, पिंडदान और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने तथा ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों की आत्माएं तृप्त होती हैं। इसके परिणाम स्वरूप कुल और वंश का विकास होता है। परिवार के सदस्यों को लगे रोग और कष्टों दूर होते हैं। हालांकि इस समय में हमसे कई चीजें छूट भी जाती हैं। जिस कमी को पूरा करने के लिए कुछ मंत्र होते हैं जिनके जाप से श्राद्ध में हो रही कमी की पूर्ती हो जाती है। इन मंत्रों का जाप तीन बार किया जाता है जिससे पितर प्रसन्न होते हैं तथा आसुरी शक्तियां भाग जाती हैं।
देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव नमो नमः।।
अर्थ:
देवताओं, पितरों, महायोगियों, स्वधा और स्वाहा को मेरा सर्वदा नमस्कार है।
पूजन के समय इन मंत्रों का करें जाप
ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः
ॐ पितृ नारायणाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
पितृपक्ष श्राद्ध तिथियां 2019
तिथि |
दिनांक |
दिन |
पूर्णिमा श्राद्ध |
13 सितंबर |
शुक्रवार |
प्रतिपदा श्राद्ध |
14 सितंबर |
शनिवार |
द्वितीया श्राद्ध |
15 सितंबर |
रविवार |
तृतीया श्राद्ध |
16 सितंबर |
सोमवार |
चतुर्थी श्राद्ध |
17 सितंबर |
मंगलवार |
पंचमी श्राद्ध |
18 सितंबर |
बुधवार |
षष्ठी श्राद्ध 19 सितंबर |
गुरुवार |
गुरुवार |
सप्तमी श्राद्ध |
20 सितंबर |
शुक्रवार |
अष्टमी श्राद्ध |
21 सितंबर |
शनिवार |
नवमी श्राद्ध |
22 सितंबर |
रविवार |
दशमी श्राद्ध |
23 सितंबर |
सोमवार |
एकादशी श्राद्ध |
24 सितंबर |
मंगलवार |
द्वादशी श्राद्ध |
25 सितंबर |
बुधवार |
त्रयोदशी श्राद्ध |
26 सितंबर |
गुरुवार |
चतुर्दशी श्राद्ध |
27 सितंबर |
शुक्रवार |
अमावस्या श्राद्ध |
28 सितंबर |
शनिवार |
Created On :   12 Sept 2019 11:11 AM IST