नीम: संक्रमण को दूर करता है ये पेड़, जानें इसका धार्मिक महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नीम का वृक्ष वैसे तो औषधी के रूप में जाना जाता है। इसकी पत्तियां किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोक सकती हैं। लेकिन हिंदू धर्म में इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है। शास्त्रों के अनुसार, त्रिवेणी(ब्रह्मा, विष्णु और महेश) भी बड़ और पीपल के साथ तभी पूरी होती है, जब उसमें नीम साथ लगाई जाए। नीम के पेड़ को मां दुर्गा का भी रूप माना गया है। इसी वजह से इस पेड़ की पूजा की जाती है।
आपको बता दें कि इसकी पत्तियों से लेकर इसके बीज तक सब कुछ अलग- अलग तरह के रोगों की दवा बनाने में उपयोगी साबित होते हैं। इसका उपयोग त्वचा, पेट, आंखें और विषाणु जनित समस्याओं में किया जाता है। फिलहाल जानिए इस पेड़ का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व...
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धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
- ज्योतिष में नीम का सम्बन्ध शनि से जोड़ा गया है, वहीं कहीं- कहीं इसे केतु से भी जोड़ा गया है।
- देवी और शक्ति की उपासना में नीम का प्रयोग खूब किया जाता है।
- मां शीतला और मां काली की पूजा में नीम का प्रयोग किया जाता है।
- मां दुर्गा का रूप माने जाने वाले इस पेड़ को कहीं-कहीं नीमारी देवी भी कहते हैं। इस पेड़ की पूजा की जाती है।
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- शनि की शांति करने के लिए नीम की लकड़ी पर हवन करना शीघ्र फलदायी होता है।
- यदि शनि पीड़ा दे रहा हो तो नीम की लकड़ी की माला धारण करनी चाहिए।
- नीम की लकड़ी पर बने हुए यन्त्र अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं।
- इसी प्रकार नीम के पत्तों वाले जल से स्नान करने पर केतु की समस्याएं दूर होती हैं।
Created On :   17 April 2020 10:40 AM GMT