जानिए क्या है करवा का महत्व ?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करवाचौथ व्रत की पूजा के दौरान करवा का उपयोग किया जाता है। महिलाएं इस दिन के लिए मिट्टी के करवे खरीदती हैं और इसे पूजा में उपयोग करती हैं। करवाचौथ के मौके पर पत्नी अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर यह व्रत रखती है। वह चांद के दर्शन कर करवे से चांद को अर्ध्य देकर व्रत का पारण करती हैं। इस पूजा विधि में महिलाएं मिट्टी के करवे का इस्तेमाल करती हैं।
इसलिए किया जाता है करवा का इस्तेमाल-
हिंदू धर्म में मिट्टी के पात्रों का विशेष महत्व है। धार्मिक पूजा-अनुष्ठानों में मिट्टी के कलश, दीपक आदि का इस्तेमाल होता है उसे पूजा के लिए शुद्ध माना जाता है। करवाचौथ पर इस्तेमाल होने वाला करवा भी मिट्टी का बना होता है। मिट्टी के पात्रों को शुद्ध मानने के पीछे एक मुख्य कारण है। यह प्राकृति के पांच तत्व धरती (मिट्टी), आकाश, जल, वायु, और अग्नि के मिश्रण से बनता है। इन पांच तत्वों के मिश्रण से बनने के कारण इसका महत्व बढ़ जाता है।
करवा मिट्टी से बनता है और उसे गूंथने के लिए उसमे पानी डाला जाता है जिससे करवा में धरती के साथ पानी तत्व का भी समावेश हो जाता है।करवा को धूप और हवा में सुखाने के कारण इसमे वायु और आकाश तत्व का भी मिश्रण हो जाता है। इसके बाद अंत में उसे आग में तपाया जाता है जिससे उसमे अग्नि तत्व का अंश भी आ जाता है। प्राकृति के पांचो तत्वों के समावेश के कारण मिट्टी के दिये को करवाचौथ की पूजा विधि के लिए अहम और शुद्ध माना जाता है। करवाचौथ की विधिवत पूजा कर महिलाएं मां करवा को प्रसन्न कर अपना व्रत पूरा करती हैं।
Created On :   22 Oct 2021 12:50 PM IST