जानें ये दिन क्यों है खास, महादेव के इस अवतार की कैसे करें पूजा
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महादेव यानी कि भगवान शंकर के रूद्र अवतार काल भैरव जी की पूजा की जाती है। इसलिए इसे भैरवाष्टमी या कालाष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस माह कालाष्टमी 17 सितंबर, शनिवार को मनाई जाएगी।
मान्यता के अनुसार, कालाष्टमी का व्रत रखने वाले जातक के जीवन में आने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। भगवान भैरव के भक्तों के लिए कालाष्टमी व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।आइए जानते हैं इस व्रत की विधि और पूजा की शुभ समय...
ऐसे करें पूजा
- कालाष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें।
- पितरों का तर्पण और श्राद्ध करें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन काल भैरव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।
- पूजा के दौरान भैरव कथा का पाठ करना चाहिए।
- भगवान शिव-पार्वती की पूजा का भी इस दिन विधान है।
- काल भैरव की पूजा में काले तिल, धूप, दीप, गंध, उड़द आदि का इस्तेमाल करें
- भैरव जी की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें।
अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!
इस व्रत में क्या करें
- इस व्रत की पूजा रात के समय की जाती है क्योंकि भैरव तांत्रिकों के देवता माने गए हैं।
- इस दिन मां बंगलामुखी का अनुष्ठान भी किया जाता है।
- इस दिन काले कुत्ते को भोजन जरूर कराना चाहिए।
- अपनी क्षमता अनुसार गरीबों में अन्न और वस्त्र का दान करें।
- माना जाता है जो व्यक्ति कालाष्टमी व्रत रखता है उसके सारे कष्ट मिट जाते हैं। इस व्रत को करने से रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष, वास्तुशास्त्री) की सलाह जरूर लें।
Created On :   13 Sept 2022 4:38 PM IST