हाेलाष्टक समाप्त, कल फाल्गुन पूर्णिमा पर हाेलिका दहन, जानें विशेष मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। होलिका दहन पूर्णिमा के दिन किया जाता है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। इस वर्ष भी 1 मार्च गुरूवार को होलिका दहन के दिन ही स्नानदान पूर्णिमा है। अर्थात इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात दान करना शुभ होगा। होलिका दहन पर दान का बहुत महत्व माना गया है।
विष्णु का अद्भुत अवतार
स्नानदान पूर्णिमा पर दान करने से मनुष्य के अनजाने में किए गए पापों का नाश होता है। वहीं भगवान विष्णु की कृपा से उसे अंतकाल में उत्तम धाम की प्राप्ति होती है। इस स्नानदान पूर्णिमा के बारे में कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए और संसार से पाप का नाश करने नृसिंह का अवतार लिया था। क्योंकि हिरण्याकश्यप का वध वही कर सकता था जो देव, दानव, मानव कोई भी ना हो। श्रीहरि का ये अवतार सबसे विरल एवं अद्भुत माना गया है। अतः इस पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के अवतार नृसिंह भगवान की पूजा अत्यंत ही उत्तम मानी गई है।
फिर शुरू होंगे शुभ कार्य
इसी दिन होलाष्टक भी समाप्त हो रहा है। अर्थात फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलाष्टक की समाप्ति के साथ ही शुभ कार्यों की शुरूआत हो सकेगी। होलाष्टक के आठ दिनों में शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है। विवाह, यज्ञ-हवन, मुंडन, नवीन वस्तुओं की खरीदी इन दिनों उचित नही मानी जाती। इसके पश्चात दूसरे दिन रंगाेत्सव मनाया जाएगा।
भद्रा का समाप्त व दहन का मुहूर्त
1 मार्च को सुबह 8.58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग रही है लेकिन इसके साथ भद्रा काल भी है। शाम में 7.37 मिनट पर भद्रा समाप्त होगा। दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6.26 मिनट से 8.55 मिनट तक होगा। इस काल में दहन शुभ एवं शास्त्राें के अनुसार शुभ माना गया है।
Created On :   28 Feb 2018 8:11 AM IST