हनुमान जयंती: बजरंगबली की कृपा पाने के लिए करें ये काम, जानें पूजा विधि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार हनुमान जयंती 08 अप्रैल, बुधवार यानी कि आज मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 430 वर्ष बाद ऐसा विशेष योग बना है। इस वर्ष व्यतिपात योग, आनंद योग, सिद्धयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग में हनुमान जयंती मनाई जा रही है।
हालांकि लॉकडाउन के चलते इस बार हनुमान जयंती पर चल समारोह सहित अन्य सभी कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे। धर्मगुरु औ सरकार ने कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण लोगों को अपने घर में रहकर हनुमान जन्मोत्सव मनाने की बात कही है। हनुमान जयंती के इस अवसर पर आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...
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शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार पूर्णिमा 8 अप्रैल को सुबह आठ बजे तक ही पूर्णिमा तिथि है। पूर्णिमा तिथि का आरंभ 7 अप्रैल 2020, दोपहर 12:01 मिनट से हो चुका है। वहीं पूर्णिमा तिथि का समापन 8 अप्रैल 2020, सुबह 8 बजकर 04 मिनट पर होगा।
इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, हलांकि यह केवल 4 मिनट का है। सुबह 06:03 बजे से 06:07 बजे के मध्य सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। ऐसे में इस अवधि में हनुमान जी की पूजा कर लेना उत्तम रहेगा।
ऐसे करें पूजा
हनुमान जयंती के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद हनुमान जी की पूजा आरंभ करें। इसके लिए हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित करें। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है। पूजन विधि के दौरान सीधे हाथ की अनामिका उंगली से हनुमान जी की प्रतिमा को सिंदूर लगाया जाता है। हनुमान जी को चमेली की खुश्बू या तेल और लाल फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।
पूजन सामग्री में सिंदूर, केसर युक्त चंदन, धूप, अगरबती, दीपक के लिए शुद्ध घी या चमेली के तेल का उपयोग करें। भगवान को गैंदा, गुलाब, कनेर, सूरजमुखी आदि पुष्प अर्पित करें। अगरबत्ती को अंगूठे और तर्जनी के बीच पकड़कर, मूर्ती के सामने 3 बार घड़ी की दिशा में घुमाकर हनुमान जी की पूजा करना चाहिए। हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। फिर हनुमान जी की आरती उतारें। इसके बाद गुड़, भीगे या भुने चने व बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
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हनुमान जी के सामने किसी भी मंत्र का जाप कम से कम 5 बार या 5 के गुणांक के बार करना चाहिए। इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाता है। इसके अलावा हनुमान जी की कृपा पाने के लिए 11 लडडू चढ़ाने चाहिए। हनुमान जी पर जल चढ़ाने के बाद पंचामृत चढ़ाना भी अच्छा होता है।
इन नामों से जाने जाते हैं हनुमान
बजरंगबली हनुमानजी महाराज को भगवान शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है। उन्होंने अपना जीवन केवल अपने भगवान राम और माता सीता की सेवा के लिए समर्पित किया है। इन्हें वानरराज केसरी और माता अंजना के पुत्र हनुमान को मारुति, बजरंगबली, केसरीनंदन, पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, बालीबिमा, मरुत्सुता, अंजनीसुत, संकट मोचन, अंजनेय, रुद्र आदि नाम से भी जाना जाता है।
करें श्री राम की भक्ति
कहा जाता है कि क्योंकि हनुमान जी ने अपना जीवन को श्रीराम को समर्पित किया है। ये अमर और चिरंजीवी है। हनुमानजी को आठ सिद्धियों और नौ निधियों को देने वाला बताया गया है। इस दिन वे सभी भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं। इस दिन व्रत करने से उपासक के सभी संकट नष्ट हो जाते हैं। इनकी भक्ति करने से मनुष्य को शक्ति और समर्पण प्राप्त होता है। हालांकि कहा जाता है कि, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए श्रीराम की भक्ति करना ही काफी है।
Created On :   7 April 2020 4:03 PM IST