Good Friday: जानें क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे? जानिए इसका इतिहास और ईस्टर के बारे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईसाइयों के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक गुड फ्राइडे इस साल 19 अप्रैल को पाकीजगी और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। इस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। माना जाता है कि प्रभु यीशू ने मानवता की भलाई और उनकी रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु की मृत्यु के बाद उन्होंने दोबारा जन्म लिया था जिस कारण से इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है।
जीससे से प्रार्थना
इस दिन को उनकी कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं। ऐसे में गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च में घंटे नहीं बजाते है बल्कि इस दिन विशेष प्रार्थना की जाती है और लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। उन्हें श्रृद्धांजलि दी जाती है। ईसाई समुदाय में इस दिन को गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। ईसाई समुदाय के अधिकांश लोग इस दिन काले कपड़े पहनकर अपना शोक व्यक्त करते हैं। वे गॉड से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। चर्च जाकर जीससे से प्रार्थना करते हैं।
इसलिए कहा जाता है गुड फ्राइडे
ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह परमेश्वर के बेटे हैं। उन्हें अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए मृत्यु दंड दिया गया। उस वक्त यहूदियों के धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया। ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया। लेकिन अपने हत्यारों की उपेक्षा करने के बजाए यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, "हे ईश्वर! इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।" जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी कि शुक्रवार था, तब से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाने लगा।
तीसरे दिन ईस्टर
गुड फ्राइडे के तीसरे दिन प्रभु यीशू के जी उठने पर ईस्टर मनाया जाता है। ईस्टर मून फेज के आधार पर मनाया जाता है जो क्रिश्यन चर्च द्वारा स्थापित किया गया है। फुल मून (पूर्णिमा) के बाद पहले संडे को ईस्टर मनाया जाता है। इस दिन लोग चर्च में मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु में अपना विश्वास प्रकट करते हैं। यही नहीं इस दिन घर पर मोमबत्तियां सजाते हैं और दोस्तों में इन्हें बांटते भी हैं।
Created On :   18 April 2019 6:19 PM IST