गुड फ्राइडे 2021: जानें क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे और क्या है इसका महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईसाई समुदाय के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक गुड फ्राइडे आज (02 अप्रैल) मनाया जा रहा है। ईसाई धर्म को मनाने वाले लोगों के लिए गुड फ्राइडे का विशेष महत्व होता है। इस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इस शोक और बलिदान के पर्व को भी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन ईसाई धर्म के लोग गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु के सामने प्रार्थना कर उन्हें याद करते हैं।
माना जाता है कि प्रभु यीशू ने मानवता की भलाई और उनकी रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु की मृत्यु के बाद उन्होंने दोबारा जन्म लिया था जिस कारण से इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। आइए जानते हैं इस खास दिन के बारे में...
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इस दिन को क्यों कहा जाता है गुड फ्राइडे
ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह परमेश्वर के बेटे हैं। उन्हें अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए मृत्यु दंड दिया गया। उस वक्त यहूदियों के धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया। ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया। लेकिन अपने हत्यारों की उपेक्षा करने के बजाए यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, "हे ईश्वर! इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।" जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी कि शुक्रवार था, तब से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाने लगा।
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जीससे से प्रार्थना
इस दिन को उनकी कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं। ऐसे में गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च में घंटे नहीं बजाते है बल्कि इस दिन विशेष प्रार्थना की जाती है और लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। उन्हें श्रृद्धांजलि दी जाती है। ईसाई समुदाय में इस दिन को गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। ईसाई समुदाय के अधिकांश लोग इस दिन काले कपड़े पहनकर अपना शोक व्यक्त करते हैं। वे गॉड से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। चर्च जाकर जीससे से प्रार्थना करते हैं।
Created On :   2 April 2021 5:29 AM GMT