व्रत: आज है मासिक शिवरात्रि, जानें इस व्रत का महत्व और पूजा विधि

Fast: know the importance of monthly Shivaratri and worship method
व्रत: आज है मासिक शिवरात्रि, जानें इस व्रत का महत्व और पूजा विधि
व्रत: आज है मासिक शिवरात्रि, जानें इस व्रत का महत्व और पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचाग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। शिवरात्रि शिव और शक्ति का संगम है। यह शिवरात्रि इस माह कल यानी कि 15 अक्टूबर गुरुवार को पड़ रही है। महाशिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक है। लेकिन हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का भी अपना अलग ही महत्व है। शिव भक्त मासिक शिवरात्रि को भी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

अमांत पंचांग के अनुसार, जो शिवरात्रि माघ महीने में आती है उसे महा शिवरात्रि कहा जाता है। लेकिन पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। आइए जानते हैं इस शिवरात्रि का महत्व और पूजा का मुहूर्त...

17 अक्टूबर से शुरू होगी नवरात्रि, देखें किस देवी की किस दिन होगी पूजा

महत्व
भविष्यपुराण के अनुसार प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का दिन माना जाता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की उपासना जाती है। सुख-शांति की कामना से शिव का पूजन किया जाता है। इस दिन शिव लिंग पर पुष्प चढ़ाने तथा शिव के मंत्रों के जप का विशेष महत्व होता है।

मासिक शिवरात्रि
तिथि प्रारंभ- 15 अक्टूबर, 08:33 
तिथि समाप्त- 16 अक्टूबर 04:52 

इस माह में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार

पूजा विधि 
शिव चतुर्दशी व्रत में महादेव शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी एवं शिवगणों की पूजा की जाती है। शिव जी की पूजा में प्रथम भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। उनके अभिषेक में जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से अभिषेक किया जाता है। 

अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न करते हैं। अंत में गांजा,भांग, धतूरा तथा श्री फल(नारियल) शिव जी को भोग के रुप में समर्पित किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन पूरा दिन निराहार रहकर इनके व्रत का पालन किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।
 

Created On :   14 Oct 2020 3:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story