Easter Sunday 2020: ईसाई धर्म में क्रिसमस की तरह मानते हैं यह पर्व, जानें इसका महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईसाई समुदाय के लोग ईस्टर संडे का पर्व बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जो कि गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद आता है। ईस्टर को नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह भाईचारे और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व इस वर्ष 12 अप्रैल 2020 यानी कि आज मनाया जा रहा है। हालांकि लॉकडाउन के चलते धर्मगुरु ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घर पर रहकर ही इस पर्व को मनाएं।
ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाने के बाद वह फिर से जीवित हो गए थे। इस दिन प्रभु ईसा मसीह के पुनर्जन्म की खुशी में पूरा मसीही समाज खुशियों से झूम उठता है और इस पर्व को बडे़ धूमधाम और उल्लास के साथ मनाता है।
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महत्व
ईसई धर्म के अनुसार, प्रभु ईसा मसीह के दोबारा जीवित होने के बाद अपने भक्तों के बीच लगभग 40 दिनों तक रहे थे और अंत में स्वर्ग चले गए। इस त्योहार को ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस की तरह मनाते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर ईस्टर 50 दिनों तक मनाया जाता है।
कहा जाता है कि ईसा मसीह ने मरने से पहले उन लोगों को माफ कर दिया था जिन्होंने उन्हें सूली पर लटकाकर कष्ट दिये थे। इसलिए इस दिन आपसी बैर भुलाकर विश्व के कल्याण की कामना करते हैं। यह पर्व क्षमा और दया को समर्पित है।
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मोमबत्ती जलाते हैं लोग
बता दें कि ईस्टर संडे से एक दिन पहले सभी चर्चों में रात्रि जागरण होता है और धार्मिक परंपराएं पूरी की जाती हैं। सबसे पहले चर्च के फादर ईस्टर की पूजा करते हैं। इस दिन मोमबत्तियां जलाना शुभ माना जाता है। कुछ लोग अपने घर को भी मोमबत्तयों से रोशन कर देते हैं। इस दिन बाइबल का पाठ किया जाता है और भगवान यीशु मसीह के उपदेश सुनते और सुनाते हैं।
ईसाई धर्म के लोग ईस्टर अण्डे को भगवान यीशू मसीह के पुनर्जन्म का सिंबल मानते हैं। इस दिन ईसाई समाज के कई लोग अण्डों को सजा कर बांटते हैं।
Created On :   11 April 2020 4:46 PM IST