Dussehra 2020: इस मुहूर्त में करें दशहरा की पूजा, जानें पूजा विधि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना के बाद दशवें दिन यानी आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को देशभर में दशहरे (Dussehra) का पर्व मनाया मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। हालांकि इस साल दशहरा की तिथि को लेकर लोग असमंजस में हैं। कई लोगों का मानना है कि 25 अक्तूबर तो कुछ 26 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मना रहे हैं।
चूंकि नवमी तिथि 24 अक्टूबर को 6 बजकर 59 मिनट से 25 की सुबह 7 बजकर 42 तक है। जबकि दशमी 25 की सुबह 7 बजकर 42 मिनट से 26 की सुबह 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। ऐसे में कई स्थानों पर यह पर्व रविवार को मनाया गया। जबकि कुछ स्थानों पर दशहरा 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इसी के साथ देवी का विसर्जन भी आज ही होगा। आइए जानते हैं विजयादशमी पर्व aका पूजा मुहूर्त...
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पूजा मुहूर्त
पूजा का ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 46 मिनट से 5 बजकर 27 मिनट तक
संध्या पूजा का मुहूर्त- शाम 5 बजकर 41 से 6 बजकर 58 मिनट तक
अमृत काल का मुहूर्त- शाम 5 बजकर 14 से 6 बजकर 57 मिनट तक
दशमी तिथि आरंभ- 25 अक्तूबर, रविवार – सुबह 7 बजकर 41 मिनट से
दशमी तिथि समाप्त- 26 अक्तूबर सोमवार – सुबह 9 बजे तक
परंपरा
विजयदशमी को हथियार (अस्त्र-शस्त्र) पूजने की परंपरा भी है। बहुत सी जगहों पर तो दशहरे के दिन रावण दहन का विशाल आयोजन होता है। मान्यता है कि इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होता है। इससे आपको जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी।
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बता दें कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि में शुरू होने वाली रामलीला का मंचन दशमी को यानी दशहरे के दिन रावण के दहन के साथ समाप्त होता है। वहीं कुछ लोग दशहरा को पान खाने का सगुन करते हैं।
Created On :   7 Oct 2020 2:36 PM IST