दीपावली 2020: इस शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा, ऐसे करें थाली की व्यवस्था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को धूम- धाम से मनाया जाता है। इस वर्ष दीपावली 14 नवंबर को मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार दीपावली पर तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह महासंयोग है, जब छोटी-बड़ी दीवाली एक साथ हैं। इससे पहले ऐसा संयोग 1521 में बना था।
बता दें कि दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी को इस संसार में भौतिक सुखों को प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इस त्योहार को खुशहाली, समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का द्योतक माना गया है।
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शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर, शाम 5:28 से शाम 7:30 तक ( वृष, स्थिर लग्न)
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर, शाम 5:33 से रात्रि 8:12 तक
मान्यता
इस दिन शाम के दिन घर में दीपक अवश्य ही जलाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी इससे घर में प्रवेश करती हैं लेकिन इसके साथ घर से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है और घर में खुशियां आती हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से माता प्रसन्न होकर मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
ऐसे करें पूजा
- सबसे पहले चौकी पर लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे। लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें।
- पूजा करने वाले मूर्तियों के सामने की तरफ बैठें।
- कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें।
- नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेटें कि नारियल का अग्रभाग दिखाई देता रहे व इसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण का प्रतीक है।
- दो बड़े दीपक रखें। एक में घी भरें व दूसरे में तेल।
- एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में।
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- इसके अलावा एक दीपक गणेशजी के पास रखें।
- मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं।
- कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं।
- गणेशजी की ओर चावल की सोलह ढेरियां बनाएं। ये सोलह मातृका की प्रतीक हैं।
- नवग्रह व षोडश मातृका के बीच स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
- इसके बीच में सुपारी रखें व चारों कोनों पर चावल की ढेरी। सबसे ऊपर बीचों बीच ॐ लिखें।
- छोटी चौकी के सामने तीन थाली व जल भरकर कलश रखें।
ऐसे करें थाली की व्यवस्था
1. ग्यारह दीपक
2. खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान
3. फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक।
इन थालियों के सामने पूजा करने वाला बैठे। आपके परिवार के सदस्य आपकी बाईं ओर बैठें। कोई आगंतुक हो तो वह आपके या आपके परिवार के सदस्यों के पीछे बैठे।
Created On :   14 Nov 2020 1:10 PM IST