मां महागौरी की आराधना से ज्ञात-अज्ञात समस्त पापों का होगा नाश, इस विधि से करें पूजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित है, इस दिन को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे महाअष्टमी या दुर्गा अष्टमी के नाम जाना जाता है। इस वर्ष मां महागौरी की पूजा 29 मार्च, बुधवार को की जा रही है। मां महागौरी का रंग दूध के समान श्वेत है, गौरवर्ण के कारण ये महागौरी कहलाती हैं। मां महागौरी को अमोघ फलदायिनी माना जाता है। इनकी पूजा से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। मां महागौरी अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेती हैं।
देवीभागवत पुराण के अनुसार, मां के नौ रूप और 10 महाविद्याएं सभी आदिशक्ति के अंश और स्वरूप हैं लेकिन भगवान शिव के साथ उनकी अर्धांगिनी के रूप में महागौरी सदैव विराजमान रहती हैं। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। सुंदर, अति गौर वर्ण होने के कारण इन्हें महागौरी कहा जाता है। महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं, ज्ञात-अज्ञात समस्त पापों का नाश होता है, सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन कई लोग इस दिन कन्या पूजन कर अपना व्रत खोलते हैं। आइए जानते हैं मां के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...
मां महागौरी पूजा विधि
- सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- इसके बाद चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें और यंत्र की स्थापना करें।
- हाथ में सफेद पुष्प लेकर मां का ध्यान करें।
- अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक चलाएं।
- उन्हें फल, फूल, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- इसके बाद देवी मां की आरती उतारें।
- अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है।
महागौरी मंत्र :-
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
'ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
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Created On :   28 March 2023 12:39 PM GMT