दुर्गाष्टमी: नवरात्रि के आठवें दिन करें मॉं महागौरी की पूजा, जानें विधि

Chaitra Navratri 2020: Worship Mahagauri on eighth day like this
दुर्गाष्टमी: नवरात्रि के आठवें दिन करें मॉं महागौरी की पूजा, जानें विधि
दुर्गाष्टमी: नवरात्रि के आठवें दिन करें मॉं महागौरी की पूजा, जानें विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि में नौ दिन की पूजा के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की अलग- अलग दिन पूजा अर्चना की जाती है। इन दिनों चैत्र नवरात्रि का त्यौहार है। हालांकि कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति में लोग इस बार घर पर रहकर ​ही इस पर्व को मना रहे हैं। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो कि आज की जा रही है। महागौरी को आदि शक्ति माना गया है। पुराणों के अनुसार, इनके तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमान होता है।

दुर्गा सप्तशती के अनुसार, शुंभ निशुंभ से पराजित होने के बाद देवताओं ने गंगा नदी के तट पर देवी महागौरी से ही अपनी सुरक्षा की प्रार्थना की थी। मां के इस रूप के पूजन से शारीरिक क्षमता का विकास होने के साथ मानसिक शांति भी बढ़ती है। आइए जानते हैं माता के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...

इन दिनों में पढ़ें रामचरित मानस के ये 10 दोहे, मुसीबत होगी दूर

इसलिए है महागौर नाम
पुराणों के अनुसार 8 वर्ष की आयु में माता ने शिवजी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी। 8 वर्ष की आयु में तपस्या करने के कारण इनकी पूजा नवरात्र के 8वें दिन की जाती है। कहा जाता है कि, भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया। तब देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां के शरीर पर गंगाजल डाला इससे देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो गईं। तभी से इनका नाम गौरी पड़ा।

महागौरी का स्‍वरूप
महागौरी का वर्ण एकदम सफेद है। मां के सभी आभूषण और वस्‍त्र सफेद रंग के हैं। इनकी चार भुजाएं हैं, जिसमें ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। मां के ऊपर वाले बांए हाथ में डमरू और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा है। मां का वाहन वृषभ है इसीलिए उन्‍हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। हालांकि मां सिंह की सवारी भी करती हैं।

साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट शिरडी ने दान दिए 51 करोड़

पूजा विधि 

  • - नवरात्रि के आठवें दिन सबसे पहले अष्‍टमी के दिन स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र पहनें। 
  • - इसके बाद लकड़ी की चौकी या घर के मंदिर में महागौरी की प्रतिमा या चित्र स्‍थापित करें।
  • - अब अपने हाथ में फूल लें और मां महागौरी का ध्‍यान करें।
  • - इसके बाद मां महागौरी की प्रतिमा के आगे दीपक चलाएं।
  • - इसके बाद मां को फल, फूल और नैवेद्य चढ़ाएं।
  • - अब मां की आरती उतारें और सभी को आरती दें।  
  • - इस दिन कन्‍या पूजन श्रेष्‍ठ माना जाता है, ऐसे में नौ कन्‍याओं और एक बालक को घर पर आमंत्रित करें, उन्‍हें खाना खिलाएं।
  • - अब उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और उन्‍हें विदा करें।
  • - यहां आमंत्रित कन्याओं और बाल को उपहार देना भी श्रेष्ठ होता है।

Created On :   31 March 2020 3:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story