जानें इस दिन का महत्व और पूजा विधि
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली पर्व के दो दिन बाद भाईदोज (भाईदूज) का त्यौहार मनाया जाता है। भाईदोज के साथ ही इस दिन चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है, जो इस बार 06 नवंबर, शनिवार को है। भाई दूज दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।
इस प्रथा को एक पौराणिक कथा से भी जोड़ा गया है। इस दिन स्वयं यम की बहन यमुना ने अपने भाई से वर मांगा था कि जो भी भाई इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद अपनी बहन के घर भोजन करता है उसको मृत्यु का भय ना रहे।
भाई दूज 2021
तिथि: 06 नवंबर 2021, शनिवार
तिलक का समय : दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 21 मिनट तक
महत्व
दिवाली के बाद भाई दूज मनाकर भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की जाती है और उसे नर्क की यातनाओं से मुक्ति दिलाने के लिए उसका तिलक किया जाता है। जिससे उसे सभी प्रकार के संकटों से बचाया जा सके।
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पूजा विधि
भाईदूज के दिन पवित्र नदी में स्नान कर भगवान विष्णु एवं गणेश की पूजा शुभ फलदायी मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन गोबर के दूज बनाए जाते हैं। इनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। बहनें दूज से भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है। एवं भाई के शत्रु एवं बाधा का नाश होने की प्रार्थना करती हैं। वैसे कई स्थान पर भाई को चौकी/पीड़ा पर बैठाकर बहनें उनके माथे पर तिलक लगाती है। आरती उतारकर उनकी पूजा करती हैं।
Created On :   1 Nov 2021 5:47 PM IST