अंग्रेजी व हिन्दी नव वर्ष पर ये है खास संयोग, जानें इसके बारे में

Becoming a big coincidence in Hindi and English New Year in 2020
अंग्रेजी व हिन्दी नव वर्ष पर ये है खास संयोग, जानें इसके बारे में
अंग्रेजी व हिन्दी नव वर्ष पर ये है खास संयोग, जानें इसके बारे में

डिजिटल डेस्क। दुनियाभर में वर्ष 2020 की आमद के साथ ही नए साल की शुरुआत हो चुकी है। यह अंग्रेजी महीनों का साल है, जिसकी शुरुआत जनवरी से होती है। वहीं हिन्दी नव वर्ष की शुरुआत चैत्र माह से होती है, जो कि इस बार 25 मार्च से शुरू होगा। खास बात यह कि इस वर्ष 1 जनवरी से प्रारंभ होने वाला अंग्रेजी नया साल 2020 और 25 मार्च से शुरू होने वाला भारतीय नव संवत्सर विक्रम संवत 2077 पर इस बार अनूठा संयोग बना है। 

यह योग है खास दिन का, दरअसल जहां अंग्रेजी न्यू ईयर की शुरुआत 01 जनवरी बुधवार से हो गई है वहीं हिन्दी नव वर्ष की शुरुआत भी बुधवार के दिन से होगी। 

ज्योतिषियों का कहना है कि नवसंवत्सर में 9 ग्रहों के बीच बनने वाले मंत्रिमंडल में इस बार राजा बुध और मंत्री चंद्रमा रहेंगे। इस तरह पूरे वर्ष पर बुधदेव का अधिपत्य रहेगा। बुध कन्या राशि का स्वामी है।

अंग्रेजी नव वर्ष का शुभारंभ कन्या लग्न में ही होगा। इस लग्न पर भी बुध का अधिपत्य है। यह राशि महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए पूरे वर्ष महिलाओं का प्रभाव बढ़ेगा। यह भी संयोग ही है कि अंग्रेजी नव वर्ष 1-1-2020 का कुल योग भी 6 है। पंडितों की मानें तो बुध के राजा रहते धर्म व अध्यात्म क्षेत्रों का विस्तार व लोगों का इसमें जुड़ाव बढ़ेगा, लेकिन राजनीतिक हालात संतोषजनक नहीं रहेंगे। 

रवि व सिद्धि योग 
रवि व सिद्धि योग दोनों ही नव वर्षों के पहले दिन की शुभता में बढ़ोतरी करने वाले होंगे। किसानों के लिए भी शुभ है। अागामी 25 मार्च को विक्रम नवसंवत्सर 2077 का शुभारंभ बुधवार को होगा। बुध का संबंध पर्यावरण से भी है, जिस कारण पर्यावरण के क्षेत्र में सुधार लाने के प्रयासों में तेजी आएगी। पहले दिन कुंभ का चंद्रमा होने से कृषक परिवारों में धन-धान्य की आवक में बढ़ोतरी होगी। 

युवाओं के लिए रोजगार   
अंग्रेजी नव वर्ष का शुभारंभ बुधवार को इसके पूर्व 2014 में भी हुआ था। 2020 में फिर ऐसा संयोग बन रहा है। इसके बाद 2022 में भी ऐसा संयोग बनेगा। आगामी 1 जनवरी को कन्या लग्न में साल शुरू होने से इस राशि वालों के लिए पूरा वर्ष अत्याधिक लाभदायक रहेगा। बुध का अधिपत्य रहने से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के सम्मान व प्रभाव में बढ़ोतरी होगी। बुध को नवग्रहों में राजकुमार का दर्जा है, इसलिए युवाओं को इस वर्ष रोजगार के अवसर मिलना शुरू होंगे। शतभिषा नक्षत्र में नया साल शुरू होने से पूरे वर्ष बुधवार के दिन कई अहम फैसले होते भी दिखाई दे सकते हैं।

दिसंबर को कंकणाकृति सूर्य ग्रहण
इस बार 9 ग्रहों के मंत्रिमंडल में बुध राजा और चंद्रमा मंत्री रहेंगे। 25 दिसंबर को धनु राशि में सूर्य, बुध, गुरु, शनि, केतु व चंद्रमा एक साथ रहेंगे। यह षठग्रही योग रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार धनु राशि में किन्हीं 6 ग्रहों का यह योग करीब एक दशक बाद बन रहा है। धनु में 6 ग्रह रहने का सर्वाधिक असर मौसम व राजनीति पर पड़ेगा, वहीं कुछ प्रदेशों की सरकारों में आपसी मतभेद बढ़ेंगे। इसका कारण मिथुन राशि में विराजमान राहू की दृष्टि धनु राशि पर पड़ना है। 26 दिसंबर को कंकणाकृति सूर्यग्रहण भी रहेगा, जो भारत में दिखेगा।

ग्रहण का असर राशियों पर 
मेष- स्वास्थ्य में गिरावट, वृष- मनसिक कष्ट, मिथुन- कार्यों में विलंब, कर्क- संपत्ति लाभ, सिंह- खर्च बढ़ेंगे, कन्या- रोग कष्ट, तुला-भूमि लाभ, वृश्चिक- वाहन संभलकर चलाएं, धनु- हानि, मकर- कार्यों में बाधा, कुंभ- वाहन, भूमि लाभ, मीन- सुख-संतोष।
 

Created On :   23 Nov 2019 2:34 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story