आषाढ़ मास: आज से शुरू हुआ हिन्दू कैलेंडर का चौथा माह, जानें क्या है इसका महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर का चौथा माह आषाढ़ कहलाता है, इसकी शुरुआत आज 6 जून से हो रही है। आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और अगले महीने 5 जुलाई 2020 को यह माह समाप्त होगा। इस माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस माह में भीषण गर्मी से मुक्ति मिलती है और नमी बढ़ने लगती है। इसलिए इसे संधिकाल माना गया है। वहीं वर्ष ऋतु का आगमन भी इसी माह में होता है, जिससे यह वर्षा ऋतु का महीना भी कहलाता है।
इस महीने में सूर्य और देवी की भी उपासना की जाती है और इसी महीने देवशयनी एकादशी के दिन से श्री हरि विष्णु शयन के लिए चले जाते हैं जिसके कारण अगले चार माह तक शुभ कार्यों को करने की मनाही है। इसे चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है। इस माह में दान पुण्य का भी महत्व बताया गया है।
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करें भगवान विष्णु की आराधना
ज्योतिष की मानें तो आषाढ़ का महीना श्री हरि विष्णु और गुरू की आराधना के लिए सर्वोत्तम है। गुरू इसी महीने में शुभ फल देते हैं वहीं भगवान विष्णु की आराधना से संतान प्राप्ति होती है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में बारिश कम होती है या ना होने के आसार बनते हैं वहां जल देव की पूजा भी इस माह में की जाती है। हालांकि जल देव की उपासना इसम माह में कोई भी कर सकता है, इससे धन प्राप्ति होती है।
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इस माह में तीन ग्रहण
इस बार आषाढ़ माह में तीन ग्रहण हैं, इनमें दो चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण है। बता दें कि 05-06 जून की रात को चंद्रग्रहण लगा, ऐसे में देखा जाए तो आषाढ़ मास की शुरुआत चंद्र ग्रहण के साथ ही हुई है। इसी माह में दसूरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को लगेगा। जबकि 21 जून को अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगेगा। इसी के साथ इस माह का समापन होगा।
Created On :   6 Jun 2020 4:05 AM GMT