अक्षय तृतीया: लॉकडाउन में ऐसे मनाएं ये पर्व, जानें क्या है इस तिथि का महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में किसी कार्य को करने के पहले समय और तिथि का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस शुभ मुहूर्त कहा जाता है, लेकिन हिंदू कैलेंडर के हिसाब से साल में कुछ तिथियां ऐसी होती हैं, जिसमें किसी भी कार्य को करते समय मुहूर्त नहीं देखा जाता है। इनमें से एक है अक्षय तृतीया का दिन, जो किसी भी कार्य को करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस बार यह पर्व 25 अप्रैल 2020 यानी कि आज मनाया जा रहा है।
ज्योतिष के अनुसार, आज दोपहर करीब 12 बजे से तृतीया तिथि आरंभ होगी जो अगले दिन दोपहर करीब 1.20 मिनट तक रहेगी। इस बार अक्षय तृतीया पर उदय व्यापिनी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो बहुत ही फलदायी होगा। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया से जुड़ी खास बातें...
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अबूझ मूहूर्त
अक्षय तृतीया को अबूझ मूहूर्त कहा जाता है अबूझ मूहूर्त इसलिए क्योंकि इस तिथि में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है। अक्षय तृतीया पर किया गया कोई भी कार्य का क्षय नहीं होता। अक्षय का अर्थ है कभी ना क्षय होना।
त्रेतायुग का आरम्भ
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को त्रेतायुग का आरम्भ माना गया है। इस दिन पर किया गया जप, तप, ज्ञान और दान अक्षय फलदायक होता है। अक्षय तृतीया पर नर-नारायण ने अवतार लिया था इसलिए इस दिन का विशेष महत्व होता है। हयग्रीव की अवतार भी अक्षय तृतीया के दिन हुआ था इसलिए इसका विशेष महत्व माना गया है। इस दिन दान का महत्व होता है। दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन शंख से की गई पूजा से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होते हैं। भगवान परशुराम जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है।
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होते हैं ये कार्य
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। अगर विवाह के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त की तिथि नहीं मिल पाती है तो अक्षय तृतीया पर विवाह कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। अक्षय तृतीया पर सभी तरह के शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर ही वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में साल में एक दिन बिहारी जी के चरणों के दर्शन होते हैं। फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन है, ऐसे में घर में रहकर ही इस पर्व को मनाया जा रहा है।
Created On :   25 April 2020 4:18 AM GMT