गुरु पुष्य योग में मनाई गई हरियाली अमावस्या
डिजिटल डेस्क, दमोह। साधना के लिए महत्वपूर्ण श्रावण माह में इस 1 अगस्त तक उपासना के विशेष संयोग देखने को मिले। पंडितों के अनुसार 28 जुलाई रविवार से शुरु हुए इस संयोग के 5 दिन में पूजा पाठ दान पुण्य करने वालों को अपेक्षाकृत अधिक फल प्राप्त होगा। 28 जुलाई को कामदा एकादशी व्रत के साथ पांच दिवसीय व्रत अनुष्ठान का योग शुरू हुआ तो वहीं 125 वर्ष बाद आज गुरु पुष्य योग में हरियाली अमावस्या मनाई गई।
पीपल और तुलसी पूजन का महत्व
पं चंद्र गोपाल पौराणिक एवं पं रवि शास्त्री ने बताया कि आषाढ़ कृष्ण पक्ष हरियाली अमावस्या 1 अगस्त को मनाई जाएगी।इस दिन वृक्ष पूजा की प्रथा अनुसार पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा की जाएगी वृक्षों मैं देवताओं का वास माना जाता है। इस दिन पितृ तर्पण भी किया जाता है। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
शांति और समृद्धि
सावन माह में पड़ने वाली इस हरियाली अमावस्या पर विशेष तरह का भोजन भी बनाया जाता है, जो कि ब्राम्हणों को खिलाया जाता है। खास बात यह है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा भी की पूजा की जाती है। हरियाली अमावस के दिन भगवान शिवकी विशेष रूप से पूजा की जाती है। मान्यता है कि श्रावण अमावस्या के दिन शिव भगवान की पूजा करने से घर में सुख और शांति के साथ समृद्धि भी आती है।
Created On :   29 July 2019 1:22 PM IST