नाग पंचमी 2023: बन रहे हैं ये शुभ योग, इस विधि से करें नाग देवता की पूजा, कालसर्प संबंधी दोष से मिलेगी मुक्ति

नाग पंचमी 2023: बन रहे हैं ये शुभ योग, इस विधि से करें नाग देवता की पूजा, कालसर्प संबंधी दोष से मिलेगी मुक्ति
इस बार नाग पंचमी का त्योहार सोमवार के दिन पड़ रहा है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी (Nag Panchami) के नाम से जाना जाता है। जो कि, हिंदू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है। इस वर्ष यह पर्व 21 अगस्त 2023, सोमवार को मनाया जाएगा। जैसा कि विदित है, कि सावन का महीना भगवान शिव को सबसे प्रिय है। इस माह में भक्त शिवालयों में जाकर अभिषेक कर विधि विधान से भोलेनाथ की आराधना करते हैं। यह तो सभी जानते हैं कि, भगवान शिव के गले में नाग देवता हमेशा लिपटे रहते हैं और नाग भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होते हैं। इसलिए इस माह में नाग देवता की पूजा की जाती है।

माना जाता है कि, नाग देवता की पूजा से नाग देवता के साथ भगवान शिव की कृपा भी मिलती है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में कालसर्प संबंधी दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं इस बार नाग पंचमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 21 अगस्त 2023, सोमवार की मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट से

तिथि समापन: 22 अगस्त 2023, मंगलवार की रात्रि 02 बजे

बना ये दुर्लभ योग

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार नाग पंचमी का त्योहार सोमवार के दिन पड़ रहा है और यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन सुबह से लेकर रात 09 बजकर 04 मिनट तक शुभ योग रहेगा। वहीं सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त

सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

पूजा विधि

- नाग पंचमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और दैनिकक्रिया से मुक्त होकर स्नान करें।

- साफ वस्त्र धारण करें और सूर्यदेव को जल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें।

- घर के दरवाजे पर मिट्टी, गोबर या गेरू से नाग देवता का चित्र अंकित करें।

- नाग देवता को दूर्वा, कुशा, फूल, अछत, जल और दूध चढ़ाएं।

- नाग देवता को सेवईं या खीर का भोग लगाएं।

- सांप की बांबी के पास दूध या खीर रखें।

- सद्गुरु ने बताई शिव और पार्वती के विवाह की अनोखी कहानी

अष्टनागों के इस मंत्र का जाप करें

वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः।

ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥

एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् ॥

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   20 Aug 2023 2:21 PM IST

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