Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर इस शुभ संयोग में करें पूजा, जानिए इस दिन का महत्व

मासिक शिवरात्रि पर इस शुभ संयोग में करें पूजा, जानिए इस दिन का महत्व
  • भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खास दिन है
  • भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है
  • शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन में सुख-शांति आती है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है, जो कि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। श्रद्धालु व्रत रखते हैं और निशिता काल में पूजा करते हैं। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खास माना गया है। ऐसी मान्यता है कि, इस दिन भगवान शिव- माता पार्वती की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।

फिलहाल, मासिक शिवरात्रि 27 जनवरी 2025 सोमनार को पड़ रही है। शिव पुराण के अनुसार, जो भी सच्चे मन से इस व्रत को करता है उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस शिव चतुदर्शी तिथि, मुहुर्त और पूजा विधि के बारे में...

तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 27 जनवरी 2025, सोमवार की सुबह 8 बजकर 34 मिनट से

तिथि समापन: 28 जनवरी 2025, सोमवार की शाम 7 बजकर 35 मिनट तक

पूजा मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मासिक शिवरात्रि की पूजा रात को निशिता काल में की जाती है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि व्रत 27 जनवरी के दिन रखा जाएगा।

पूजा विधि

- मासिक शिवरात्रि वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।

- इसके बाद किसी मंदिर में जाकर शिव परिवार की अराधना करें।

- आप चाहें तो अपने घर में भी शिवलिंग की विधि विधान से पूजा कर सकते हैं।

- भगवान शिव की पूजा में सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें।

- शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से करें।

- अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

- अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाएं।

- पूजा के दौरान गाय के घी का दीपक आज जलाएं।

- पूजा के अंत में शिव जी को भोग के रुप में गांजा, भांग, धतूरा तथा श्री फल (नारियल) समर्पित करें।

- इस दिन उपासक को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए और रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।

- अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   26 Jan 2025 10:50 AM IST

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