Vinayak Chaturthi 2024: कब है मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

कब है मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
  • गणेश चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है
  • व्रत से सभी प्रकार की बुराईयां भी दूर होती हैं
  • ज्ञान समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में कुछ व्रत ऐसे हैं जो हर महीने आते हैं और उनका महत्व भी काफी माना गया है। इनमें से एक है गणेश चतुर्थी का व्रत, जो भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा के साथ विनायक चतुर्थी का व्रत करता है, उसे श्री गणेश ज्ञान, समृद्धि, सौभाग्य, बुद्धि आदि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। साथ ही इस व्रत को करने से सभी प्रकार की बुराईयां भी दूर होती हैं।

इस दिन व्रत रखने के साथ पूरे विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करना चाहिए और साथ ही भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, वस्त्र और अन्य मिठाई का भोग लगाना चाहिए। फिलहाल, मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) का व्रत रखा जाएगा, जो कि 05 दिसंबर, गुरुवार को है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि...

तिथि और मुहूर्त

चतुर्थी तिथि आरंभ: 04 दिसंबर, बुधवार की दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर

चतुर्थी तिथि समापन: 5 दिसंबर 2024, गुरुवार की दोपहर 12 बजकर 49 तक

पूजन विधि

- विनायक चतुर्थी पर सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें।

- गणेश जी के सामने मन, वचन, कर्म से इस व्रत का संकल्प करें।

- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।

- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।

- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं।

- इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।

- पूजा में जटा वाला नारियल और भोग में मोदक अवश्य शामिल करें।

- गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं।

- गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं।

- पूजा के दौरान ऊं गं गणपतये नमः " मंत्र का उच्चारण करें

- फिर गणेश चतुर्थी की कथा सुने अथवा सुनाएं।

- गणपति की आरती करने के बाद अपने मन में मनोकामना पूर्ति के लिए विनती करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   3 Dec 2024 6:25 PM IST

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