गिलहरी पर भगवान राम की कृपा: भगवान श्रीराम की गिलहरी से सीखें कृपा और भक्ति का अर्थ
- गिलहरी पर भगवान राम की कृपा
- जब एक गिलहरी ने की भगवान श्रीराम की मदद
- लंका पर चढ़ाई के लिए पुल के निर्माण में मदद करने के लिए गिलहरी बार-बार शरीर पर बालू लपेटकर उसे पुल पर गिराती थी।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। श्रीराम जब किसी जीव पर कृपा करते हैं तो वे यह नहीं देखते कि उसने कितना जप, तप, पूजा-पाठ या यज्ञ-हवन (साधन) किया है। किसी भी मनुष्य का बड़े-से-बड़ा जप-तप परमात्मा को कृपा करने के लिए विवश नहीं कर सकता है और न ही वह भगवान की प्राप्ति का मूल्य ही हो सकता है। इसलिए किसने कितना जप-तप किया इसका कोई महत्व नहीं है ? इसका अर्थ है कि राम साधन साध्य नहीं हैं। राम तो करुणा के सागर हैं और भाव के भूखे हैं। वे तो केवल जीव के अंतर्मन के प्रेम और सच्ची श्रद्धा को देखते हैं। राम की कृपा होने पर ही उनकी प्राप्ति होती है।
श्री राम सेतु (समुद्र पर पुल) बनाने के समय प्रभु श्रीराम की गिलहरी पर कृपा के प्रसंग से यह बात सिद्ध हो जाती है। इसी प्रसंग से प्रेरणा ले कर हम सभी ने श्रीराम के विग्रह (मूर्ति) की प्राणप्रतिष्ठा में विविधा परिवार की और से बहुत छोटी सी प्रस्तुति श्री राम को समर्पित की है। विविधा एकाडमी में संगीत सीखने वाले (कराओके) गायकों ने मनमोहक प्रस्तुति दी।विविधा के एकाडमी के संगीत गुरु अभय तिवारी ने की बोर्ड पर संगीत दिया और सभी कलाकार जिसमे ज्योतिषाचार्य विनोद पौद्दार, ममता तिवारी, कीर्ति पांडा, वीरेंद्र भारती, रजनी भारती, उमेश राठोर, डॉ.रंजन परासर, बृजमोहन दायमा,नीतू सैनी, शारदा शर्मा, वन्दिता जैन, आदि ने सुमधुर गीत, राम आयेंगे तो अंगना सजाऊँगी की सरगम के साथ मनविभोर करने वाली प्रस्तुति दी।
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सभी लोग इस सुन्दर गीत में इतने विभोर हो गए की नाचने झुमने लगे। साथ ही विविधा की कत्थक गुरु श्रीमती अभिलाषा तिवारी जी ने भी अलग अपने ही अंदाज में नृत्य की प्रस्तुति दी।
बोलो सिया पति राम चन्द्र की जय पवनसुत हनुमान की जय
Created On :   21 Jan 2024 4:52 PM IST