Vinayaka Chaturthi 2024: कार्तिक माह का विनायक चतुर्थी व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि
- बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश को समर्पित है व्रत
- पूजा में चंद्रमा दर्शन पूर्ण रूप से वर्जित माना गया है
- इस व्रत को रखने के बाद पारण करना महत्वपूर्ण है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) का अत्यधिक महत्व बताया गया है। यह व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। फिलहाल, कार्तिक माह चल रहा है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह व्रत 05 नवंबर 2024, मंगलवार के दिन यानि कि आज है। यह व्रत विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश को समर्पित है।
विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने के साथ ही पूरे विधि विधान के साथ श्री गणेश की पूजा की जाती है। ध्यान रखने की बात यह कि, इस पूजा में चंद्रमा दर्शन पूर्ण रूप से वर्जित माना गया है। इसके पीछे मान्यता है कि, इस दिन चंद्रमा को देखने से जातक को कलंक का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि...
तिथि और मुहूर्त
तिथि आरंभ: 4 नवंबर 2024, सोमवार की रात 11 बजकर 24 मिनट से
तिथि समापन: 5 नवंबर 2024, मंगलवार की देर रात 12 बजकर 16 मिनट तक
पूजन विधि
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं।
- अब पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी प्रसन्न करने के लिए तिल का लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
- शाम के समय में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं।
- विनायम चतुर्थी की कथा सुने अथवा सुनाएं।
- गणपति की आरती करें।
कैसे करें पारण?
विनायक चतुर्थी का व्रत रखने के बाद पारण यानि कि व्रत तोड़ने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए सबसे शुभ समय चंद्रमा को देखने के बाद होता है। पारण करते समय भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा भाव रखें और पारण के बाद किसी मंदिर में जाकर दर्शन करें और गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
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Created On :   5 Nov 2024 9:26 AM GMT