बड़ा मंगल 2024: आज है ज्येष्ठ मास का आखिरी मंगलवार, जानें कैसे करें हनुमान जी की पूजा

आज है ज्येष्ठ मास का आखिरी मंगलवार, जानें कैसे करें हनुमान जी की पूजा
  • हनुमान जी के मंदिरों में भक्तों का तांता लगता है
  • ज्येष्ठ के बड़ा मंगल का बड़ा महत्व बताया गया है
  • भगवान शिव का रुद्र अवतार माने गए हैं हनुमान जी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में सप्ताह का हर एक दिन किसी ना किसी देवी- देवता को समर्पित है। वहीं मंगलवार के दिन भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी की पूजा की जाती है। वैसे तो हर सप्ताह के दूसरे दिन हनुमान जी के मंदिरों में भक्त जाते हैं। लेकिन, ज्येष्ठ महीने में आने वाले मंगलवार का महत्व ही अलग है और इसलिए इस बड़ा मंगल (Bada Mangal) कहा गया है।

ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार 28 मई को था, वहीं आज इस माह का आखिरी मंगलवार है। ऐसे में हनुमान के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। बता दें कि, हनुमान जी को भगवान शिव का रुद्र अवतार और कलयुग का साक्षात् देवता भी माना जाता है। फिलहाल, जानते हैं इस दिन कैसे करें हनुमान जी की पूजा और साथ ही जानते हैं ज्येष्ठ के बड़ा मंगल से जुड़ी पौराणिक कथा...

ज्येष्ठ के मंगलवार को क्यों कहते हैं बड़ा मंगल

हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण और रामचरित मानस आदि में इस बात का उल्लेख मिलता है सीता हरण के बाद ऋषिमूक्य पर्वत पर जंगल में भटकते हुए ज्येष्ठ माह के मंगलवार को श्रीराम और लक्ष्मण हनुमान से मिले थे। तभी से भक्त और भगवान के इस मिलन को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भज-कीर्तन होते हैं, भक्तों के लिए भंडारे किए जाते हैं।

इस विधि से करें हुनमान जी की पूजा

- आप इस दिन घर में या हुनमान जी के मंदिर जाकर पूजा कर सकते हैं।

- यदि आप घर में पूजा कर रहे हैं तो हनुमानजी की मूर्ति या प्रतिमा को पूजा स्थल पर रखें।

- इसके बाद उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं।

- फिर पंचामृत से भी स्नान कराएं।

- पंचामृत के बाद फिर से साफ पानी से भी स्नान कराएं।

- हनुमान जी को सिंदूर लगाएं।

- हनुमानजी के समक्ष घी का दीपक जलाएं।

- इसके बाद बजरंगबली को बेसन के लड्डू अत्यंत प्रिय है। बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी को बेसन के लड्डू का भोग जरूर लगाएं।

- हनुमानजी को मीठा पान का बीड़ा अर्पित करें।

- भुने हुए चने और गुड़ के अलावा मिष्ठान का भोग लगाएं।

- पूजा के आखिरी में आरती करें और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   18 Jun 2024 11:25 AM IST

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