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दो दिवसीय सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट कार्यशाला का हुआ समापन
डिजिटल डेस्क, भदोही। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सॉलिड एण्ड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) विषय पर आधारित कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। तृतीय व चतुर्थ सत्र एवं समापन में डीएम आर्यका अखौरी, सीडीओ भानु प्रताप सिंह, एडीएम शैलेन्द्र कुमार मिश्र, सीएमओ डॉ.संतोष कुमार चक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर इण्डियन ग्रीन सर्विस नई दिल्ली सी श्रीनिवासन द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद सी.श्रीनिवासन इंडियन ग्रीन सर्विस-प्ळै-के परियोजना निदेशक, सलाहकार आपदा पर्यावरण संरक्षण और सेवा संगठन में ठोस और तरल संसाधन प्रबंधन का स्थायी मॉडल विकसित किया है। जो पूरे देश के लिए एक नजीर बन चुका है। कचरा प्रबंधन की अवधारणा के प्रति उनका दृष्टिकोण, वर्गीकरण और पुनरूउपयोग के मामले में क्रांतिकारी है। सॉलिड एण्ड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट पर आयोजित कार्यशाला में सी श्रीनिवासन ने अवांछित ठोस और तरल पदार्थों के उपचार और पुनर्चक्रण के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य भदोही जनपद को एक शून्य-अपशिष्ट बनाने और भविष्य के पर्यावरणीय प्रशिक्षकों का निर्माण करने की दिशा में काम करना है। पर्यावरण प्रदूषण के कारण नगर निकाय के विभिन्न वार्डों में कचरा जमा होने की ज्वलंत समस्या को वैज्ञानिक ठोस स्थापित करके हल किया जा सकता है। सी. श्रीनिवासन ने जनपद के सभी वार्डों में तरल संसाधन प्रबंधन (एसएलआरएम) केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यशाला में सी. श्रीनिवास ने डॉक्युमेंटरी फिल्म के द्वारा इंटिग्रेटेड सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट रिसोर्स मैनेजमेंट प्रणाली की जानकारी विस्तृत रूप दी और प्रश्नों के उत्तर दिए।
कार्यशाला में उन्होंने बताया कि उद्यान अपशिष्ट (जैसे सूखे पत्ते), मछली बाजार अपशिष्ट, सब्जी अपशिष्ट, द्वितीयक पृथक्करण शेड, एक मवेशी शेड और दो या तीन बायो-गैस संयंत्र प्राथमिक पृथक्करण स्रोत पर किया जाता है, जबकि द्वितीयक पृथक्करण एसएलआरएम केंद्रों पर किया जाता है। तृतीयक पृथक्करण एक सामान्य केंद्र पर किया जाता है। कार्यशाला में प्रथम सत्र व द्वितीय सत्र में कचरा प्रबंधन की वैज्ञानिक व व्यवहारिक पहलुओं को समझाने के बाद नगर के सम्मानित जनता जनार्दन से हरित भदोही हेतु इस प्रक्रिया को अपनाने पर बल दिया गया। डीएम आर्यका अखौरी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी सम्मानित लोगों से कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण के दृष्टिगत हमें ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकी विधि को अपनाने की जरूरत है। जनपद को स्वच्छ व हरा-भरा बनाए रखने के लिए पर्यावरण अनुकूल विधियों व प्रक्रियाओं पर बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने कचरा प्रबन्धन की प्रक्रिया में महिलाओं को जोड़ते हुए जनपद के प्रत्येक नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं को साफ-सुथरा बनाये जाने पर बल दिया। कहा कि इंटिग्रेटेड सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट रिसोर्स मैनेजमेंट प्रणाली से रिसाइक्लिग प्रक्रिया को संभी नगरीय निकाय में में लागू किया जाएगा। जनपद में पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं में स्वच्छ भारत मिशन के कोऑर्डिनेटर डॉ.सरोज पांडेय, हमार भदोही के संस्थापक संजय श्रीवास्तव, नगरीय निकाय के अधिशासी अधिकारी जी लाल, अमिता सिंह, आलोक रंजन, संजय सरोज, सोनल जैन, महेंद्र कुमार सहित कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले अन्य लोगों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। जिलाधिकारी ने भदोहीवासियों से स्च्छ भदोही, सुंदर भदोही के लिए कचरा प्रबंधन में तकनीकी पहलुओं को अपनाने पर बल दिया।
इस मौके पर नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अध्यक्ष व सभासदों सहित पर्यावरण कार्यकर्ता, समाजसेवी व अधिकारी मौजूद रहे।
Created On :   14 Jun 2022 5:59 PM IST