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टाइगर स्टेट बने MP में बाघिन और शावक का शव मिलने से हड़कंप, जांच में जुटा वन अमला
डिजिटल डेस्क, उमरिया। एक दिन पहले वल्ड टाईगर-डे पर 13 साल बाद मिली टाईगर स्टेट की खुशी में वन्यजीव प्रेमियों के लिए बांधवगढ़ से मायूस कर देने वाली खबर भी सामने आ गई। एक बाघिन व नर शावक की मौत से हड़कंप मचा हुआ। तकरीबन तीन दिन के भीतर दो बाघों की मौत से वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश है। वहीं दूसरी ओर घटना के बाद से गायब मादा शावक अभी तक प्रबंधन को नहीं मिली है। आशंका जताई जा रही है कि शावक नहीं मिला तो नर बाघ उसे भी मौत के घाट उतार सकता है।
शरीर में मिले गहरे घाव
उल्लेखनीय है कि कल्लवाह कोर एरिया में रविवार को मृत मिली बाघिन की पहचान टी-62 के रूप में हुई। बाघिन की उम्र सात वर्ष थी। वहीं नर शावक करीब 7-8 माह का था। घटना के दौरान हमलावर बाघ टी-33 ने मैनवाह बीट में इन्ट्री की और पहले बाघिन को अपना निवाला बनाया। फिर छह माह के नर शावक को भी गले में गहरा घाव कर मौत के घाट उतार दिया।
ऐसे खुला मौत का राज
कल्लवाह रेंज के मैनवाह बीट में एक साथ दो बाघों की मौत ने बांधवगढ़ में पार्क प्रबंधन के सुरक्षा दावों की पोल भी खोल दी। सूत्रों के मुताबिक मृत बाघिन का शव सडऩे की स्थिति में था। बदबू के चलते कर्मचारियों को पहले किसी बाघ के छिपे होने का भ्रम हुआ। जब दल-बल के साथ नजदीक पहुंचे तो देखा बाघिन मृत हो चुकी है। दल ने शीर्ष अधिकारियों को सूचना दी। आसपास सर्चिंग प्रारंभ की तो एक अन्य शावक मृत हालत में मिला। शावक की मौत शनिवार-रविवार की बताई जा रही है जबकि बाघिन 2-3 दिन पहले
मृत हो चुकी हैं। बावजूद इसके पार्क के अफसरों को घटना की भनक तक नहीं लगी।
मादा शावक पर खतरा बरकरार
रविवार को हुई इस घटना के बाद पार्क अफसरों की लापरवाही भी उजागर हुई है। पार्क के शीर्ष अफसरों को जहां पहले मृत मिली बाघिन का शव सडऩे के बाद मिला। वहीं एलर्ट होकर सतर्क होने की बजाए घटनाक्रम को छिपाने में जुट गया। बताया जा रहा है कि एक अन्य आठ माह के नर शावक को भी हमलावर बाघ टी-33 ने मौत के घाट उतार दिया। तब से दूसरी मादा शावक जंगल में गायब है। घटना के चौथे दिन सूचना सार्वजनिक करने के मामले को वन्यजीव प्रेमियों ने संदेहास्पद बताया है। मामले की शिकायत एनटीसीए से करने की बात कही जा रही है।
नहीं मिल रही लोकेशन
घटना के संबंध में शहडोल सीसीएफ व बांधवगढ़ प्रभारी डायरेक्टर एके जोशी ने बताया हमारी टीम घटना के बाद से मंगलवार को भी सर्चिंग में जुटी रही। आसपास के क्षेत्र में खतरे को देखते हुए एलर्ट हैं। एसडीओ अनिल शुक्ला के निर्देशन में देखरेख की जा रही है। दूसरी ओर पार्क सूत्रों की माने तो बाघिन के दो अन्य शावक भी थे, जो फिलहाल घटना के बाद से गायब हैं। बाघिन की मौत व एक शावक के बाद इन पर भी हमलावर बाघ का खतरा बना हुआ है। चार दिन भी बाद भी प्रबंधन शावकों की सुरक्षा करने में असफल रहा है। दोनों शावकों की लोकेशन भी नहीं मिल पा रही।
इनका कहना है
हमारी टीम आज भी सर्चिंग में लगी हुई है। सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। एसडीओ अनिल शुक्ल के नेतृत्व में काम जारी है। एके जोशी, प्रभारी बीटीओर
Created On :   30 July 2019 10:26 PM IST