लालबर्रा के चिखलाबड्डी जंगल में वर्चस्व की लड़ाई में बाघ की मौत

ग्रामीणों का दावा- शनिवार रात पांच से छह बाघों के दहाडऩे की सुनी आवाज, सुबह दिखा एक मृत बाघ, शरीर में हैं गहरे निशान लालबर्रा के चिखलाबड्डी जंगल में वर्चस्व की लड़ाई में बाघ की मौत


डिजिटल डेस्क बालाघाट। लालबर्रा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम चिखलाबड्डी जंगल में रविवार सुबह करीब 8 बजे एक व्यस्क नर बाघ का शव दिखा। शव पर चोट के गहरे निशान मिले हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, शनिवार मध्य रात्रि करीब आधा दर्जन बाघों के दहाडऩे की आवाज दूर तक सुनाई दी थी, जिसे सुनकर संभावना व्यक्त की जा रही है कि क्षेत्र में बाघों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ की मौत हो गई। सुबह कुछ ग्रामीणों द्वारा मृत बाघ को देखने के बाद इसकी सूचना तत्काल वन अमले को दी गई। सूचना पर मौके पर डीएफओ, आरओ सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। लालबर्रा, पांढरवानी पंचायत के सरपंच अनीस खान ने बताया कि लालबर्रा क्षेत्र और वन्यजीव प्रेमियों के लिए ये दुखद घटना है। चिखलाबड्डी जंगल कान्हा नेशनल पार्क और पेंच टाइगर रिजर्व के बीच का कॉरिडोर का हिस्सा है। यहां बाघ, तेंदुआ, बायसन, सांभर, चीतल, नील गाय, मोर, भालू सहित अन्य वन्यप्राणी विचरण करते हैं।
लालबर्रा के विभिन्न रेंजों में हैं 24 बाघ
जानकारी के अनुसार, लालबर्रा वन परिक्षेत्र के विभिन्न रेंजों में लगभग 24 बाघ मौजूद हैं। बताया गया कि उक्त वन परिक्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई में किसी बाघ की मौत का ये संभवत: पहला मामला है। संभवना व्यक्त की जा रही है कि लालबर्रा के सिलेझरी और सोनेवानी जंगल के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्तमान में लगी आग के कारण बाघ सहित अन्य वन्यप्राणी नीचे मैदानी इलाकों में आए होंगे, जिसके बाद उनमें वर्चस्व की लड़ाई होने की आशंका है। हालांकि, घटना के संबंध में अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

Created On :   3 April 2022 9:12 PM IST

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