ऑनलाइन गेम की ऐसी लत कि 10 साल के बेटे ने पिता के बैंक अकाउंट से दो साल में निकाले 1.70 लाख रुपए
डिजिटल डेस्क, बालाघाट । अगर आप अपने बच्चों को ऑनलाइन गेम खेलने के नाम पर बेफिक्र होकर उन्हें अपना मोबाइल दे रहे हैं, तो थोड़ा सचेत हो जाएं। दरअसल, बालाघाट शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो उन माता-पिता के लिए सबक है, जो बच्चे को मनोरंजन के लिए मोबाइल तो दे देते हैं, लेकिन वो मोबाइल पर गेम के नाम पर क्या कर रहे हैं, इसकी तफ्तीश नहीं करते। शहर के वार्ड क्रमांक-24, सुरभि नगर निवासी किशोर कुमार के महज दस साल के बेटे को ऑनलाइन गेम फ्री फायर की ऐसी लत लगी कि उसने इस गेम में फायर इक्विपमेंट और आईडी खरीदने के लिए अपने ही पिता के बैंक अकाउंट से 1.70 लाख रुपए गायब कर दिए। बेटा, पिछले दो साल से पिता के खाते से पैसे गायब करता रहा, जिसकी भनक पिता को नहीं लगी। मंगलवार को कोतवाली स्थित नोडल साइबर शाखा में इसकी शिकायत की गई तो जांच में सामने आया कि फरियादी के बैंक खाते से पैसे गायब करने वाला उसी का इकलौता बेटा है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक, बेटे ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर पिता के बैंक खाते से करीब पौने दो लाख रुपए निकालने की बात कबूल कर ली है। परिजनों ने इस मामले में बालक के खिलाफ शिकायत नहीं की है, जिसके बाद पुलिस ने बालक को समझाइश देकर छोड़ दिया है।
यूट्यूब से सीखा यूपीआई पिन क्रिएट करना
हैरानी की बात है कि बेटे ने बैंक अकाउंट से पैसे भेजने या यूपीआई पिन बनाने की तरकीब यूट्यूब से सीखी है। पुलिस को दिए बयान में बालक ने बताया कि उसने यूट्यूब में अपलोडेड वीडियो देखकर यूपीआई पिन जनरेट करना सीखा था। इस खुलासे के बाद उसके माता-पिता के साथ पुलिस भी हैरत में है। बताया गया कि पिता ऑनलाइन पेमेंट या ट्रांजेक्शन के लिए जिस मोबाइल का इस्तेमाल करते थे, उसी मोबाइल में बालक फ्री फायर खेलता था।
बैंक खाते होल्ड किए तो बनाई यूपीआई पिन
कोतवाली पुलिस के मुताबिक, फरियादी के बैंक खाते से दो साल से समय-समय पर 4, 5, 10, 20 हजार रुपए निकाले जा रहे थे। पैसों का डिडक्शन एसबीआई और महाराष्ट्र बैंक के खाते से हो रहा था। पिता ने करीब छह महीने पहले दोनों बैंक से संपर्क कर अकाउंट होल्ड करा दिया, लेकिन शातिर बालक यूट्यूब की मदद से पिता के एक्सिस बैंक की यूपीआई पिन बनाकर उसमें से पैसे निकालने लगा। तब भी पिता को इसकी ज़रा-सी भनक नहीं लगी।
64 हजार कराए वापस, बाकी पैसे बर्बाद
जांच में ये बात भी सामने आई कि नाबालिक बालक फ्री फायर की आईडी अपने मोहल्ले के उन बच्चों से ही खरीदता था, जो फ्री फायर खेलते हैं। ये बच्चे उम्र में उससे दो से चार साल के बड़े हैं। पुलिस ने ऐसे बच्चों से पूछताछ कर फरियादी के 64 हजार रुपए वापस कराए हैं, लेकिन फ्री फायर में फायर इक्विपमेंट खरीदने के नाम पर खर्च हुई करीब 1 लाख 6 हजार रुपए की राशि मिलना अब नामुमकिन है।
इतनी बड़ी राशि का फर्जीवाड़ा पहली बार
पुलिस के मुताबिक, फ्री फायर या पबजी जैसे ऑनलाइन गेम के नाम पर बच्चों द्वारा अपने ही परिवार के सदस्यों के बैंक खाते से पैसे निकालने या उन पैसों से आईडी या सामान खरीदने के पहले भी मामले आ चुके हैं, लेकिन 1.70 लाख रुपए का ये फर्जीवाड़ा पहली बार सामने आया है। इससे पहले वर्ष 2020 में बालाघाट के एक बालक ने अपनी मौसी के फ्लिपकार्ट अकाउंट में पज़ल गेम खेलने के चक्कर में अकाउंट से लिंक बैंक अकाउंट से कुल 76 हजार रुपए की शॉपिंग की थी। 2021 में बैहर क्षेत्र के एक बालक ने फेसबुक में गेम खेलने के लिए अपने पिता के बैंक खाते से गुपचुप तरीके 50 हजार रुपए खर्च कर दिए।
सुरक्षित रहने पुलिस की एडवाइज़री
- पहले तो बच्चों को मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलने न दें।
- बच्चा अगर गेम खेल रहा तो उस पर पैनी नजर रखें।
- फोन-पे, गूगल-पे जैसे एप का लॉक पैटर्न या पिन बच्चे को न बताएं।
- बच्चे को अपने बैंक अकाउंट संबंधी गोपनीय जानकारी साझा न करें।
- बच्चे को लगातार ऑनलाइन गेम्स के नुकसान के बारे में बताते रहें।
इनका कहना है
बालक ने शातिर अंदाज में बैंक खाते से 1.70 लाख की राशि सिर्फ ऑनलाइन गेम के लिए निकाली है, ये घटना पालकों को अलर्ट करने वाली है, जिससे सबक लेकर पालक अपने बच्चों को मोबाइल देते वक्त अलर्ट रहें तथा मोबाइल में वह क्या कर रहे हैं, ये पर जरूर नजर रखें। बालक को थाने में पुलिस व परिजनों ने समझाइश दी है कि वे दोबारा ऐसा न करे।
Created On :   24 Feb 2022 12:25 PM IST