मेडिकल और सर्जिकल स्टोर में जांच किट नहीं , दुकानदारों को लक्षण बताकर ली जा रही दवा

Medical and surgical stores do not have test kits, shopkeepers are being taken as symptoms
मेडिकल और सर्जिकल स्टोर में जांच किट नहीं , दुकानदारों को लक्षण बताकर ली जा रही दवा
बालाघाट मेडिकल और सर्जिकल स्टोर में जांच किट नहीं , दुकानदारों को लक्षण बताकर ली जा रही दवा

डिजिटल डेस्क बालाघाट जिले में बढ़ते कोरोना के ग्राफ के पीछे लोगों की लापरवाही के साथ जांच के लिए सिर्फ फीवर क्लिनिक का एकमात्र विकल्प सामने आया है। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप को देखने के बाद केंद्र सरकार ने घर बैठे कोरोना की जांच करने किट तैयार की थी, लेकिन जिले में इस तरह की किट न ही मेडिकल स्टोर में है और न ही सर्जिकल स्टोर में। कोविड होम एंटीजन किट या इससे मिलती-जुलती किट जिससे कोरोना का पता लगाया जा सके, जिले में कहीं भी उपलब्ध नहीं है। बात करें मेडिकल स्टोर में पिछले १५ से २० दिनों में सबसे अधिक बिकने वालीं दवाइयों की तो इन दिनों सबसे ज्यादा डिमांड सर्दी-जुकाम और बुखार की टैबलेट की है। इसके अलावा सर्जिकल स्टोर में दोबारा मास्क और सैनिटाइजर की डिमांड ५० फीसदी तक बढ़ गई है। ये बात भी सामने आई है कि लोगों को कोरोना के लक्षण महसूस होने के बाद भी वे कोरोना जांच कराने से कतरा रहे हैं। जनता की ये लापरवाही न सिर्फ कोरोना के गिरफ्त में आने का निमंत्रण दे रही है बल्कि जिले में कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे को भी बढ़ा रही है।
बारिश और तेज ठंड ने बिगाड़ी सेहत
जिले में बीते पखवाड़े से मौसम खराब है। बे-मौसम बारिश, ओलावृष्टि और कड़ाके की ठंड के कारण दस में से सात लोग इन दिनों सर्दी, खांसी, बुखार जैसे मौसमी बीमारी से ग्रसित हैं। यही वजह है कि लोग इसे मौसमी बीमारी मानकर कोविड जांच से बच रहे हैं। कोविड जांच नहीं कराने का दूसरा कारण ये भी है कि कोरोना की तीसरी लहर अब तक जानलेवा सिद्ध नहीं हुई है। इसके कारण लोगों में जांच कराने की गंभीरता दिखाई नहीं दे रही है। वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि जिन्हें कोरोना के लक्षण महसूस हों उन्हें जांच करानी चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। 
जब कोरोना नहीं था तब हुई थी मार्केटिंग
हनुमान चौक स्थित मेडिकल शॉप के संचालक अमित हीरावत ने बताया कि शहर में अब तक होम कोविड टेस्ट किट के उपलब्ध होने की जानकारी नहीं है और न ही शॉप में किट को लेकर अब तक किसी कस्टमर ने डिमांड की है। श्री हीरावत ने बताया कि दूसरी लहर थमने के बाद जरूर इस किट की मार्केटिंग के लिए मेडिकल रिप्रजेंटेटिव्स (एमआर) ने मेडिकल स्टोर व एजेंसियों से संपर्क किया था, लेकिन डिमांड नहीं होने के कारण किसी ने इसके ऑर्डर नहीं दिए, लेकिन जब जिले में कोरोना कहर बरपा रहा है, तब न एमआर किट का ऑर्डर लेने आ रहे हैं और न ही कस्टमरों से इसकी डिमांड है। 
२०-३०त्न बढ़ी सर्दी-जुकाम की दवाइयों की मांग
जानकारी के अनुसार, इन दिनों दवा दुकानों में सबसे अधिक सर्दी-जुकाम से पीडि़त लोग दवाइयां लेने पहुंच रहे हैं। दवा दुकान संचालकों की मानें तो पिछले १५ दिनों में पैरासिटामोल, सिट्रिजन सहित अन्य दवाइयों की मांग २० से ३० फीसदी तक बढ़ गई है। इसके अलावा गले में खराश के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों की भी मांग ज्यादा देखी जा रही है।
मास्क और सैनिटाइजर में ५०त्न का उछाल
मेडिकल सर्जिकल दुकान के संचालक शैलेंद्र रोकड़े ने बताया कि पिछले १५-२० दिनों में मास्क और सैनिटाइजर की बोतलों की डिमांड में बढ़ोतरी हुई है। ऐसी डिमांड कोरोना की दूसरी लहर के शुरुआत दिनों में देखी गई थी, जो बाद बढ़कर कई गुना हो गई थी। अभी मास्कर और सैनिटाइजर की डिमांड में लगभग ५० फीसदी का उछाल है। इसमें सर्जिकल मास्क के अलावा एन95, सैनिटाइजर की छोटी-बड़ी बोतल सभी शामिल है। 
बिना डॉक्टरी सलाह के ले रहे दवाएं
एक मेडिकल शॉप में पहुंचे कोसमी निवासी रामसिंह धुर्वे को तीन दिन से सर्दी-जुकाम है। पूछने पर पता चला कि उसने न ही इन तीन दिनों में कोरोना की जांच कराई और न ही डॉक्टर से परामर्श लिया। बल्कि दवा दुकानदार को सर्दी और जुकाम होने की बात कहकर दवाइयां मांग ली। दुकानदारों के मुताबिक, दिनभर में ऐसे १२ से १५ लोग आते हैं, जिन्हें कोरोना के लक्षण होते हैं, लेकिन आरटीपीसीआर जांच कराने या डॉक्टर से सलाह लेने के बजाय स्वयं से दवाइयों के नाम बताकर या दुकानदार से पूछकर दवा खरीद लेते हैं।

Created On :   17 Jan 2022 12:31 PM IST

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