बढ़ी महानगरपालिका की आय - 2016 में मूल्यांकन के बाद हुई थी संपत्ति कर वृध्दि

Increase in the income of the Municipal Corporation - increased property tax after assessment in 2016
बढ़ी महानगरपालिका की आय - 2016 में मूल्यांकन के बाद हुई थी संपत्ति कर वृध्दि
अकोला   बढ़ी महानगरपालिका की आय - 2016 में मूल्यांकन के बाद हुई थी संपत्ति कर वृध्दि

डिजिटल डेस्क, अकोला। महानगरपालिका क्षेत्र में अगले पांच वर्ष के लिए पूंजीमूल्य के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण करने की तैयारी मनपा प्रशासन की ओर से शुरू की गई है। मनपा में नई पध्दति से मूल्यांकन को लेकर गतिविधियां तेज की गई है, लेकिन इस विषय को पिछले वर्ष भाजपा सत्ताकाल में सर्वसाधारण सभा में नामंजूर किया गया था। जबकि इस संदर्भ में शासन स्तर से ही स्थानिक स्वराज्य संस्थाओं को आदेश प्राप्त हुए थे, जिससे तत्कालीन आयुक्त नीमा अरोरा ने इस प्रस्ताव को 31 अगस्त की सर्वसाधारण सभा में रखा था। अब वर्तमान आयुक्त व प्रशासक कविता द्विवेदी ने कर विभाग को आवश्यक सूचनाएं दी है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही प्रक्रिया को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। 

हर पांच साल बाद मूल्यांकन होता है जरूरी

हर पांच साल बाद एक बार नए से कर निर्धारित करना आवश्यक होता है। सन 2016 में मनपा की ओर से कर निर्धारण किया गया था। सन 2017-18 से लेकर 2021-22 तक के लिए टैक्स वृध्दि की गई थी। यह मूल्यांकन वार्षिक किराया करार के आधार पर किया गया था। 31 मार्च 2022 के बाद फिर कर मूल्यांकन करना जरूरी है। इसलिए सन 2022-23 से 2026-27 के लिए नए से कर निर्धारण किया जाएगा। इस बार पूंजीमूल्य पर आधारित पध्दति पर मूल्यांकन करने का नियोजन मनपा ने किया है। इस मूल्यांकन में रडी रेकनर की दरें अहम रहेगी। शासन की ओर से रेडिरेकनर के दर निश्चित किए गए है। इन दरों अनुसार प्लाट तथा उस पर निर्मित इमारत का मूल्यांकन होगा। संपत्ति की कीमत अनुसार लगभग डेढ़ प्रतिशत तक संपत्ति कर लगाया जा सकता है। वैसे संपत्ति पर पूंजीमूल्य पर कितने प्रतिशत टैक्स लगाया जाए, इसका निर्णय मनपा को ही लेना है। 

महानगरपालिका की ओर से पांच साल पहले संपत्ति कर वृध्दि का निर्णय लिया गया था। संपत्ति कर वृध्दि के बाद भी सड़क किनारे की संपत्तियों व भितरी परिसरों की संपत्तियों पर लगे टैक्स में अधिक अंतर नहीं था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पूंजीमूल्य अर्थात शासन के रेडिरेकनर दर तथा पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्धारित किए गए निर्माण दरों अनुसार मूल्यांकन किया जाएगा। फलस्वरूप प्रमुख चौराहे, सड़कों के किनारे होनेवाली संपत्तियों के टैक्स में भारी इजाफा हो सकता है, क्योंकि उनका बाजार मूल्य भी बेहद ज्यादा है। स्लम एरिया, पुराने व भितरी मकानों पर लगे संपत्ति कर में पुनर्मूल्यांकन के बाद भी कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा। नियमानुसार मूल्यांकन होना तय माना जा रहा है, जिससे आगामी दिनों में कई संपत्तिधारकों संपत्ति कर वृध्दि का झटका लगना लगभग तय है।

Created On :   24 March 2022 5:11 PM IST

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