न सड़के और न ही पुल-पुलियों का निर्माण, हर साल बारिश में थमते है वाहनों के पहिए, कैसे चुने सरकार

every year the wheels of vehicles stop in the rain, how should the government choose
न सड़के और न ही पुल-पुलियों का निर्माण, हर साल बारिश में थमते है वाहनों के पहिए, कैसे चुने सरकार
 बालाघाट न सड़के और न ही पुल-पुलियों का निर्माण, हर साल बारिश में थमते है वाहनों के पहिए, कैसे चुने सरकार

डिजिटल डेस्क,  बालाघाट। पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में सियासत गर्माने लगी है। गांव-गांव में विकास के दावें महज खानापूर्ति बनकर रह गए है। भले ही गांव में योजनाओं के अंतर्गत विकास के दावें किए जा रहे है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ग्रामीणजनो का कहना रहा कि लंबे अर्से से गांव में न तो पुल-पुलियों का निर्माण हुआ है और न ही सड़के बन पाई है। हालात ये है कि उन्हें हर साल बारिश के दौरान आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्राम नवेगांव-लिंगा के ग्रामीणजनो का कहना रहा कि लंबे अर्से से लिंगा मार्ग पर उच्चस्तरीय पुल की मांग की जा रही है, लेकिन परिणाम अब तक सिफर ही साबित हुए है। कुछ इसी प्रकार  ग्राम वारासिवनी क्षेत्र अंतर्गत जागपुर, रेंगोटोला समेत आसपास के ग्रामीणजनो का कहना है कि जागपुरघाट पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण की स्वीकृति मप्र के पिछले बजट सत्र में मिली है, लेकिन अब तक राशि का अता-पता तक नही है। पंचायत चुनाव को लेकर कहीं विरोध के स्वर सुनाई दे रहे है तो कई गांवों में लोग विकास दावें को सिर्फ ख्यालि पुलाव बता रहे है। बालाघाट विस अंतर्गत आने वाले लालबर्रा क्षेत्र में भी कुछ इसी प्रकार का नजारा देखने को मिल रहा है। 
 10 विकासखंडो में 12,23,160 मतदाता चुने सरकार 
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिले के दस विकासखंड बालाघाट, किरनापुर, लांजी, वारासिवनी, खैरलांजी, लालबर्रा, बिरसा, बैहर, कटंगी, परसवाड़ा में  690 पंचायतों के 12,23,160 मतदाता गांव की सरकार चुनेगें। जिले में 220 जनपद पंचायत की संख्या है, जबकि 27 जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव हो रहे है। जिले में 559 संवेदनशील मतदान केन्द्र है, जबकि अति संवेदनशील मतदान केन्द्र की संख्या 451 है। 
इधर,पांचवे दिन जिला पंचायत सदस्य के लिए १० प्रत्याशियों ने भरा नमांकन 
इधर दूसरी तरफ मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन-२०२२ कार्यक्रम के अनुसार नाम निर्देशन पत्र जमा करने के पांचवे दिन ३ जून को जिला पंचायत सदस्य के लिए १० प्रत्याशियों ने अपना फार्म जमा किया है। जिला पंचायत सदस्य के लिए शुक्रवार को १२ लोगों द्वारा नाम निर्देशन पत्र ले जाये गये है। इस प्रकार जिला पंचायत सदस्य का फार्म भरने के लिए अब तक कुल १०८ लोगों ने नाम निर्देशन पत्र ले गये है। नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि ६ जून २०२२ तक प्रात: १०.३० बजे से अपरान्ह ३ बजे तक रखी गई है।  
इन क्षेत्रों से दाखिल हुए निर्देशन पत्र 
३ जून को जिला पंचायत सदस्य के लिए क्षेत्र क्रमांक-१६ से ग्राम भौरगढ़ के प्रकाश उके, क्षेत्र क्रमांक-४ से ग्राम पिपरझरी के दुर्गाप्रसाद कटरे, क्षेत्र क्रमांक-३ से बालाघाट की रूकमणी नगपुरे, क्षेत्र क्रमांक-१९ से ग्राम अतरी के झामसिंह नागेश्वर, क्षेत्र क्रमांक १७ से ग्राम भौरगढ की सविता धुवारे, क्षेत्र क्रमांक-४ से ग्राम किरनापुर के देवीचरण पारधी, क्षेत्र क्रमांक-५ से ग्राम जराही की प्रेमलता गौतम, क्षेत्र क्रमांक-६ से ग्राम मुंडेसरा की मीरा सिंघनधुपे, क्षेत्र क्रमांक-१४ से ग्राम दुधवा की रविकांता महेश बोरकर एवं क्षेत्र क्रमांक-२ से ग्राम आंवलाझरी के प्रशांत मोहारे ने अपना नाम निर्देशन पत्र जमा किया है। 
तीन चरणों में होगें चुनाव
बालाघाट जिले में त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव तीन चरणों में सम्पन्न कराये जायेंगें। जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच एवं पंच के निर्वाचन के लिए प्रथम चरण में २५ जून २०२२ को विकासखंड बैहर, परसवाड़ा, वारासिवनी एवं खैरलांजी के ग्रामों में मतदान कराया जायेगा। इसी प्रकार द्वितीय चरण में १ जुलाई २०२२ को विकासखंड लांजी, किरनापुर एवं कटंगी के ग्रामों में तथा तृतीय चरण में ८ जुलाई २०२२ को विकासखंड बालाघाट, लालबर्रा एवं बिरसा के ग्रामों में मतदान कराया जायेगा। पंचायतों के निर्वाचन के लिये मतदान का समय सुबह ७ से दोपहर ३ बजे तक रहेगा।  प्रत्याशियों द्वारा जमा किये गये नाम निर्देशन पत्रों की जांच ७ जून २०२२ को प्रात: १०.३० बजे से अपरान्ह ३ बजे तक की जायेगी। अभ्यार्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख १० जून २०२२ अपरान्ह ३ बजे तक है। निर्वाचन लडऩे वाले अभ्यार्थियो की सूची तैयार करने तथा निर्वाचन प्रतीको का आवंटन १० जून २०२२ को अभ्यार्थिता से नाम वापसी के ठीक बाद किया जाएगा।

Created On :   4 Jun 2022 5:05 PM IST

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