कान्हा टायगर रिजर्व में चल रहा हाथी रिजुविनेशन केम्प 

Elephant Rejuvenation Camp going on in Kanha Tiger Reserve
 कान्हा टायगर रिजर्व में चल रहा हाथी रिजुविनेशन केम्प 
अतिरिक्त खुराक/विटामिन्स/मिनरल/फल आदि परोसे जावेंगे  कान्हा टायगर रिजर्व में चल रहा हाथी रिजुविनेशन केम्प 

डिजिटल डेस्क मंडला । कान्हा टायगर रिजर्व में विभागीय हाथियों का प्रबंधन का इतिहास रहा है। वर्तमान में कुल 18 हाथी उपलब्ध है। इनमें से कुछ हाथियो को देश के विभिन्न हाथी मेलों से क्रय किया गया है तथा कुछ हाथियों की पैदाइश राष्ट्रीय उद्यान में ही हुई है। प्रांरभ से ही इन हाथियों का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख उपयोग काष्ठ परिवहन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा हेतु गश्ती कार्य में किया जाता रहा है, किन्तु कालान्तर में इनका उपयोग पर्यटन प्रबंधन में भी किया जाने लगा। हाथियों एवं उनके महावत तथा संलग्न कर्मचारियों के वर्ष पर्यन्त कठिन परिश्रम के फलस्वरूप हुई थकान एवं स्वास्थ्य विषयक कारणों से आराम की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उन्हें एक सप्ताह का विश्राम दिया जाता है। जिसे हाथी पुर्नयौविनिकरण (रिजुविनेशन) सप्ताह कहा जाता है। इस वर्ष हाथी रिजुविनेशन केम्प का शुभारंभ 23 सितम्बर 2021 को किया गया है और इसका समापन दिनांक 29 सितम्बर 2021 को किया जावेगा इस अवधि के दौरान 18 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देख-रेख की जावेगी। इस दौरान सभी महावत एवं चाराकटर विभागीय हाथियों को पूर्ण आराम के अतिरिक्त उनकी विशेष सेवा में रहेगें तथा हाथियों को अतिरिक्त खुराक/विटामिन्स/मिनरल/फल-फूल आदि परोसे जावेंगे। इस अवसर पर हाथियों की सेवा में लगे समस्त महावतों एवं चाराकटरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जावेगा। इस अवधि में प्रतिदिन प्रात: चाराकटर द्वारा हाथियों को जंगल से लाकर नहलाकर रिजुविनेशन केम्प में लाया जाता है एवं केम्प में हाथियों के पैर में नीम तेलतथा सिर में अरण्डी तेल की मालिश की जाती है। इसके पश्चात् गन्ना, केला, मक्का, आम, अनानास, नारियल आदि खिलाकर जंगल में छोड़ा जाता है। दोपहर मेें हाथियों को जंगल से पुन: वापस लाकर एवं नहलाकर केम्प में लाया जाता है। इसके पश्चात् केम्प में रोटी, गुड नारियल, पपीता खिलाकर उन्हें पुन: जंगल में छोड़ा जाता है। रिजुविनेशन केम्प के दौरान हाथियों के रक्त के नमूने जांच हेतु लिये जाते है। हाथियों के नाखूनों की ट्रिमिंग, दवा द्वारा पेट के कृमियों की सफाई तथा हाथी दांत की आवश्यतानुसार कटाई की जाती है। ऐसे केम्प के आयोजन से एक ओर जहां हाथियों में नई ऊर्जा का संचार होता है एवं मानसिक आराम मिलता है, वहीं इन सामाजिक प्राणियों को एक साथ समय बिताने का अनोखा अवसर प्राप्त होता है।

Created On :   24 Sept 2021 2:05 PM IST

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