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दहेज मृत्यु -आरोपी पति को जुर्माने के साथ आजीवन कैद
डिजिटल डेस्क बालाघाट । दहेज मृत्यु के मामले में बालाघाट की विद्वान अदालत के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी के न्यायालय ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में आरोपी पति गिरहानी उर्फ गिरानी लिल्हारे 33 वर्ष पिता स्व. सहजलाल निवासी ग्राम लवेरी, तहसील किरनापुर जिला बालाघाट को अलग-अलग धाराओं में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है। अभियोजन के अनुसार आरोपी का विवाह प्रभाबाई के साथ 22 फरवरी 2014 को हुआ था। शादी के बाद आरोपी एवं प्रभाबाई अपने पिता श्रीराम बम्बुरे के यहां ग्राम लवेरी में रहते थे। उस दौरान आरोपी प्रभाबाई से अपने पिता के नाम की जमीन और मकान बनाने के लिए तथा दुकान खोलने के लिए बार-बार कहता रहता था और मना करने पर मायके वालों के सामने ही मारपीट कर प्रताडि़त करता था।
प्रताडऩा से तंग आकर दे दी थी जान
आरोपी द्वारा पत्नी को मायके से 50 हजार रुपए एवं 50 डिसमिल जमीन मकान बनाने के लिए लगातार मांग कर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से मारपीट करता था। प्रभाबाई ने प्रताडऩा से तंग आकर 9 सितम्बर 2019 को कीटनाशक जहर का सेवन कर लिया था, जहां जिला अस्पताल में इलाज के दौरान प्रभाबाई की मृत्यु हो गई थी। शव का पीएम कर पुलिस ने मामले को जांच मे लिया था। मर्ग कायम कर डायरी किरनापुर थाना भेजी गई।
जांच उपरांत पुलिस ने दर्ज किया था प्रकरण
पुलिस ने जांच उपरांत आरोपी के विरुद्ध भादवि की धारा 498 ए, 304 बी एवं धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी। अतएव विचारण के दौरान प्रकरण में आई साक्ष्य के आधार पर आरोपी पति को दहेज मृत्यु के लिए दोषी पाया गया। न्यायायल ने आरोपी गिरहानी उर्फ गिरानी को भादवि की धारा 498 ए के अपराध के लिए दो वर्ष के कठोर कारावास तथा दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 304 बी के अपराध के लिए आजीवन कारावास तथा 50 हजार का अर्थदण्ड एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के अपराध मे एक वर्ष के कठोर कारावास एवं दो हजार रुपए के जुर्माने सें दंडित किया गया है। प्रकरण मे अभियोजन की ओर से अधिवक्ता एजीपी महेन्द्र देशमुख द्वारा पैरवी की गई।
Created On :   2 Oct 2021 3:55 PM IST