चंदिया में डेंगू  की दस्तक , साफ-सफाई न होने से बढ़ा खतरा

Dengue fever patient increase in chandia umaria
चंदिया में डेंगू  की दस्तक , साफ-सफाई न होने से बढ़ा खतरा
चंदिया में डेंगू  की दस्तक , साफ-सफाई न होने से बढ़ा खतरा

डिजिटल डेस्क, उमरिया। बारिश के बाद चंदिया नगर में पनपे लार्वा से मलेरिया और वायरल का प्रकोप बढ़ गया। अब डेंगू ने भी यहां पैर फैलाने शुरू कर दिए। चार दिन पूर्व एक मरीज को जांच के दौरान इसकी पुष्टि हुई है। फिलहाल उसका कटनी में इलाज चल रहा है। दूसरी ओर वार्ड में अभी तक सर्दी जुकाम व बुखार की दस्तक थी। डेंगू के पाजीटिव मिलने से लोगों में असुरक्षा व आक्रोश का माहौल देख जा रहा है।कटनी के निजी चिकित्सालयों में चंदिया नगर में पिछले साल भी डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। यह दूसरी बार है। घटना की भनक लगने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा बताया जा रहा है लेकिन फिर भी इन्हें संभावित डेंगू रोगी ही मान जा रहा है।

ऐसे चला इलाज

पीडि़त युवक को 26 जुलाई के पहले बुखार आने की शिकायत हुई थी। स्थानीय स्तर में जांच व इलाज के बाद मरीज को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा था। लिहाजा उसने कटनी में इसकी जांच करवाई। डेंगू की जांच में मरीज आईजीजी रेक्टिव पाया गया। अब कटनी से उसका इलाज जारी है। मरीज की हालत में भी सुधार बताया जा रहा है।

जांच के अपने-अपने तरीके

निजी चिकित्सालय में बुखार और प्लेटनेट्स कम होने जांच में एनएस-वन पॉजिटिव आने को डेंगू रोगी की श्रेणी में मानते हैं। दूसरी ओर चिकित्सा विभाग एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव आने पर ही डेंगू माना जाएगा। हलांकि, आईजीएम नया और आईजीजी डेंगू का पुराना रोगी माना जाता है।

क्या है डेंगू

मादा एंडीज इजिप्टी मच्छर, जिसे टाइगर मच्छर भी कहा जाता है, के काटने से डेंगू बुखार होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती है तथा दिन में खासकर सुबह के समय काटता है। मच्छर के काटे जाने के करीब 3 से 5 दिन बाद इंसान में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई पड़ने लगते है। संक्रमण काल 3 से 10 दिनों का भी हो सकता है। ठंड लगकर बुखार होता है।

इन वार्डों में गंदगी का अंबार

चंदिया नगर के 15 वार्डों में दो मुख्य मार्गों की सड़क निर्माणाधीन हैं। ज्यादातर में कीचड़ व नाली का दूषित पानी भरा हुआ है। इसके अलावा वार्डों में पेयजल संरचना के लिए वार्डों की संकरी गलियों में खुदाई वाली जगह में भी जल भराव होता है। नगर में तकरीबन 2-3 तीन क्विंटल कचरा निकलता है। बारिश के पूर्व वार्डों में गहराई से नालियों की सफाई नहीं हुई। गाजरघास, झाड़ियां नहीं हटवाई गईं। कीटरोधी दवा का छिड़काव भी नियमित नहीं होता।

इनका कहना है 

हमने इस संबंध में मलेरिया विभाग को नियमित जांच व मानीटरिंग के निर्देश दिए हैं। चंदिया में बताए जा रहे मरीज  व वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर सुधार करवाएंगे।
डॉ. राजेश श्रीवास्तव, सीएमएचओ। 
 

Created On :   31 July 2019 1:34 PM IST

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