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गन्ना कटाई के लिए गए 18 श्रमिकों को ठेकेदार ने बनाया बंधक, टीम भेजकर कराया मुक्त
डिजिटल डेस्क बालाघाट। रोजगार के साथ खाने-पीने की व्यवस्था करने का झूठा भरोसा देकर ग्रामीणों के साथ छल करने का मामला सामने आया है। जैसे ही इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो कार्रवाई करते हुए ठेकेदार के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई शुरू की। जानकारी के अनुसार, सोमवार रात जिले के बिरसा विकासखंड के ग्राम समनापुर के बांदाटोला के 18 आदिवासी ग्रामीणों को महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में बंधक बनाए जाने की सूचना मिली थी। बालाघाट जिला प्रशासन ने नांदेड़ जिला प्रशासन से संपर्क कर ग्रामीणों को छुड़ाने पहल शुरू की। इसके तहत जिला प्रशासन ने बालाघाट से तीन सदस्यी टीम नांदेड़ भेजी और मंगलवार को श्रमिकों को ठेकेदार से मुक्त कराया। बताया गया कि टीम द्वारा को लेकर बस के माध्यम से नांदेड़ से निकल चुकी है, जो बुधवार देर रात तक बालाघाट पहुंचेंगे।
यह है मामला
दरअसल, बिरसा तहसील के ग्राम समनापुर के बैगा जनजाति के 18 लोगों को कुछ दिन पूर्व नांदेड़ के ठेकेदार ने संपर्क कर उसके जिले में गन्ना कटाई का कार्य करने और उन्हें इसके एवज में मजदूरी देने का प्रलोभन दिया गया था। आर्थिक रूप से कमजोर बैगा आदिवासियों ने पैसों के खातिर ये प्रस्ताव मान लिया, लेकिन जब वे नांदेड़ पहुंचे तो कई दिनों तक ठेकेदार ने उनकी मजदूरी का न भुगतान किया और न ही खाने के लिए भोजन तक की व्यवस्था कराई। इसके अलावा श्रमिकों के साथ ठेकेदार द्वारा मारपीट भी की गई। इनमें से एक श्रमिक ने इसकी सूचना फोन के जरिए अपने गांव के परिचितों को दी, जिन्होंने बैहर एसडीएम तन्मय वशिष्ठ शर्मा को पूरा माजरा बताया। श्री शर्मा ने इसकी सूचना कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा को दी।
10 पुरुष और 8 महिलाएं थीं बंधक
एसडीएम श्री शर्मा ने बताया कि गत दिन एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया कि बांदाटोला, तहसील बिरसा के 18 व्यक्ति जिसमें 10 पुरुष एवं 8 महिलाऐं शामिल हैं, उन्हें 2 दिसंबर 2021 को महाराष्ट्र के नांदेड जिला में ठेकेदार गणेश राठौर द्वारा गन्ना कटाई के लिए मजदूर के रूप में ले जाया गया था तथा वर्तमान में इन्हें वापस आने नहीं दिया जा रहा है। न ही इन्हें मजदूरी का भुगतान किया जा रहा और ना ही पर्याप्त भोजन दिया जा रहा है एवं मजदूरों के साथ मारपीट की जा रही है। प्रथम दृष्टया, शिकायत सही पाई गई।
सूचना पर तत्काल गठित की टीम
सूचना मिलते ही कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने गत रात ही बंधक श्रम अधिनियम-10 के तहत ग्राम सुनसुली, तहसील लोहा, जिला नांदेड (महाराष्ट्र) में कार्यरत मजदूर नियोजक गोविंद राठौर एवं गणेश राठौर के यहां बंधक बनाकर रखे गये सभी मजदूरों को अपने गृह जिला बालाघाट लाने के लिए कार्यपालिक अधिकारियों का दल गठित किया गया। इस दल में सुनिल यादव (श्रम निरीक्षक), तीरथ प्रसाद अक्षरिया (राजस्व निरीक्षक) वारासिवनी एवं अर्जुन सेमलिया (एएसआई) थाना रूपझर को शामिल किया गया।
बंद मिले ठेकेदार-मजदूरों के फोन
कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने कलेक्टर जिला नांदेड से संपर्क कर 18 मजदूरों की खोजबीन के लिए समन्वय स्थापित किया। इस दौरान ठेकेदार ने खुद के साथ मजदूरों के फोन स्विच ऑफ कर दिए। बैहर एसडीएम आदित्य प्रताप मिश्रा द्वारा इनकी मोबाइल टावर की लोकेशन पता की गई, जो कपसी जिला नांदेड में मिली। रात्रि में ही नांदेड पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त स्थल में जांच दल भेजा गया, लेकिन उक्त स्थल पर ठेकेदार एवं मजदूर नहीं पाए गए। इसमें पाया गया कि ठेकेदार द्वारा 18 मजदूरों को 4 एवं 14 के समूहों में अलग-अलग भेजा गया था। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस द्वारा ठेकेदार तथा मजदूरों की खोजबीन की गई। आखिरकार मंगलवार शाम मजदूरों एवं ठेकेदार को खोज लिया गया। बताया गया कि मजदूरों में से 4 मजदूर बाल श्रमिक भी हैं। सभी ने पूछताछ में वही बात बताई जो शिकायत में बताई गई थीं।
जारी है वैधानिक कार्रवाई
बालाघाट से मजदूरों को लेने गया दल नांदेड़ से रवाना हो चुका है, जिन्हें बुधवार को सुरक्षित बस से बालाघाट लाया जा रहा है, जो रात तक पहुंचेेंगे। इसके अलावा बंधक श्रम पद्धति (उत्सादन) अधिनियम 1976 की धारा-10 तथा बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनिमयन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत नांदेड पुलिस प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है।
इनका कहना है
हमें सोमवार रात सूचना मिली कि जिले के 18 श्रमिकों को नांदेड़ में बंधक बनाकर रखा गया है। त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें वहां के प्रशासन व पुलिस के सहयोग से श्रमिकों को छुड़ाया गया और उन्हें बालाघाट लाया जा रहा है। ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी तथा जो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, कलेक्टर, बालाघाट
Created On :   29 Dec 2021 6:42 PM IST