दिग्गज नेताओं की विरासत पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं कांग्रेस,  उदयपुर में पटेल-बोस के पोस्टर भी खूब दिख रहे हैं

Congress is not ready to give up claim on the legacy of veteran leaders
दिग्गज नेताओं की विरासत पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं कांग्रेस,  उदयपुर में पटेल-बोस के पोस्टर भी खूब दिख रहे हैं
विरासत पर दावा दिग्गज नेताओं की विरासत पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं कांग्रेस,  उदयपुर में पटेल-बोस के पोस्टर भी खूब दिख रहे हैं

डिजिटल डेस्क, उदयपुर, अजीत कुमार। भारतीय जनता पार्टी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को अपने सियासी फायदे के लिए जिस तरह अपनाया है, उसे कांग्रेस ने कभी पसंद नहीं किया है। यही वजह है कि कांग्रेस अब उस विरासत पर मजबूती से अपना दावा ठोंकने में जुटी है। कांग्रेस के चिंतन शिविर के लिए उदयपुर शहर के कोने-कोने में इन नेताओं के लगे पोस्टर और बैनर इसकी बखूबी तस्दीक करते हैं।

ऐतिहासिक कथनों के साथ पोस्टर में दिख रहे दिग्गज

कांग्रेस का चिंतन शिविर उदयपुर शहर से लगभग तीन किलोमीटर दूर ताज अरावली के सुरम्य वातावरण में हो रहा है। पूरे शहर में कांग्रेस के झंडे के साथ पार्टी के पुराने और दिग्गज नेताओं के बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर उनके ऐतिहासिक कथनों के साथ लगाए गए हैं। इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तो हैं ही, साथ ही सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, रवीन्द्रनाथ टैगोर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दिग्गज नेताओं की तस्वीर भी लोगों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच रही हैं। कहीं नेहरू और पटेल एक पोस्टर में दिख जाएंगे तो कहीं बोस और टैगोर साथ में हैं। ये पोस्टर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी गांधी-नेहरू परिवार के अलावा अब इन नेताओं की विरासत पर मजबूती से अपना दावा पेश करने की है।  

बता दें कि 2014 में केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और डॉ राजेन्द्र प्रसाद को अपनाकर खुद का जनाधार बढ़ाने में जुटे हैं। इस क्रम में भाजपा ने गांधी-नेहरू परिवार के दिग्गज नेताओं की भूमिका को कमतर बताने की भी पूरी कोशिश की है। ऐसे में कांग्रेस की कोशिश अपने इन पुराने नेताओं की विरासत को वापस लेने की है। 

Created On :   13 May 2022 9:45 PM IST

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