कांग्रेस की कीमत पर क्षेत्रीय दलों से समझौता नहीं

No compromise with regional parties at the cost of Congress
कांग्रेस की कीमत पर क्षेत्रीय दलों से समझौता नहीं
अशोक चव्हाण ने कहा कांग्रेस की कीमत पर क्षेत्रीय दलों से समझौता नहीं

डिजिटल डेस्क, उदयपुर। भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। पार्टी के रणनीतिकार भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति की काट खोजने में जुटे हैं, लेकिन इसमें अब तक ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है। ऐसे में पार्टी एक बार फिर दूसरे दलों के साथ गठबंधन के अपने पुराने फार्मूले पर ही आगे बढ़ती दिख रही है। कांग्रेस चिंतन शिविर के लिए गठित राजनीतिक मामलों की समन्वय समिति के सदस्य और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री अशोक चह्वाण ने कहा कि भाजपा के खिलाफ खडे देश के 60 प्रतिशत मतदाताओं को इकट्‌ठा करके भगवा पार्टी को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है।

जानकारी के मुताबिक चिंतन शिविर में इस मसले पर प्रमुखता से चर्चा हुई कि भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला कैसे किया जाए? जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में कहा है कि आरएसएस और भाजपा की हिन्दुत्ववादी राजनीति के जाल में न फंसकर पार्टी को उससे अलग विकल्प देना चाहिए और इस दिशा में राजनीतिक संघर्ष को आगे बढ़ाना चाहिए। अशोक चह्वाण ने बताया कि आज की बैठक में देश के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। देश के संवैधानिक संस्थाओं पर जिस तरह से हमले हो रहे हैं, उन्हें रोकने के उपायों पर बातचीत हुई। उन्होने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता बरकरार रखना जरूरी है।

गठबंधन से पहले खुद को मजबूत करेगी कांग्रेस  

अशोक चह्वाण ने कहा कि आज भी देश का 60 फीसदी मतदाता भाजपा के खिलाफ है। लेकिन यह बिखरा हुआ है। कांग्रेस का प्रयास है कि विपक्षी दलों को साथ लेकर इस 60 फीसदी वोट को इकट्‌ठा किया जाए। हालांकि उन्होने यह भी साफ किया कि किसी भी क्षेत्रीय दल से गठबंधन कांग्रेस की कीमत पर नहीं होगा। कांग्रेस की कोशिश पहले खुद को इतना मजबूत करने की है कि क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करने के वक्त वह उनसे ढंग से सीटों की सौदेबाजी कर सके। ‘एक परिवार-एक टिकट’ के सवाल पर भी चह्वाण ने कहा कि इस पर बैठक के बाहर चर्चा है, अभी अंदर चर्चा नहीं हुई है।


 

Created On :   14 May 2022 8:01 PM IST

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